डॉ. भीमराव आंबेडकर जी, जिन्हें ‘बाबा साहब’ के नाम से जाना जाता है, भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रबल समर्थक थे। उनका महापरिनिर्वाण दिवस हमें उनके विचारों और आदर्शों को स्मरण करने का अवसर प्रदान करता है।
लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम में उनकी प्रेरणा को याद कर यह संकल्प दोहराना, कि उनके बताए रास्ते पर चलकर समाज से असमानता, भेदभाव और गरीबी को समाप्त करना है, एक सराहनीय पहल है।
बाबा साहब का सपना था कि भारत में हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर मिले। उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि गरीब और वंचित वर्गों को समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाए। उनकी इसी सोच को साकार करने के लिए वर्तमान सरकार भी कई कल्याणकारी योजनाओं और नीतियों पर कार्य कर रही है।
उनके आदर्श और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग हमें प्रेरित करते हैं कि हम सभी मिलकर एक समान, न्यायपूर्ण और समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान दें।
बोधिसत्व बाबा साहब को कोटि-कोटि नमन!