
गढ़मुक्तेश्वर में संभल हिंसा के बाद राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। कांग्रेस के नेताओं द्वारा पीड़ित परिवारों से मिलने की कोशिशों पर पुलिस ने सख्ती बरतते हुए उन्हें रोकने का प्रयास किया। सोमवार सुबह कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मिथुन त्यागी को उनके घर पर नजरबंद कर दिया गया, जबकि प्रदेश सचिव डॉ. शोएब और उनके काफिले को गांव दौताई के बाहरी छोर पर रोक दिया गया।
संभल हिंसा और उसके बाद की राजनीति
संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए विवाद के बाद राजनीतिक नेताओं की ओर से पीड़ित परिवारों से मिलने की कोशिशें तेज हो गई थीं। लेकिन पुलिस-प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए नेताओं के दौरे पर रोक लगा दी है।
कांग्रेस नेताओं का विरोध
मिथुन त्यागी ने प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे तानाशाही करार दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों से मिलने जाने वालों को रोकना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। कांग्रेस संगठन इस स्थिति पर गंभीरता से विचार कर रहा है और हाईकमान के निर्देशों के तहत आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
पुलिस का रुख
पुलिस-प्रशासन का कहना है कि यह कदम शांति और सामंजस्य बनाए रखने के लिए उठाया गया है, ताकि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में माहौल और अधिक तनावपूर्ण न हो।
इस घटनाक्रम से राजनीतिक दलों और प्रशासन के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना है।