सीएम दौरे से एक दिन पहले ही खौफनाक अंत, अब निशाने पर ये बड़े माफिया
अनिल दुजाना के एनकाउंटर से योगी सरकार की माफियाओं के खिलाफ सख्त नीति एक बार फिर साबित हुई। 20 दिन पहले शासन की ओर से जारी 65 माफियाओं की सूची में गौतमबुद्धनगर जिले के माफिया में अनिल दुजाना टॉप पर था। पश्चिम में आतंक का पर्याय बने दुजाना को एसटीएफ ने मेरठ में मुख्यमंत्री योगी के दौरे के एक दिन पहले ही मुठभेड़ में मार गिराया। एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद सूची में बाकी बचे 64 माफियाओं में बैचेनी बढ़ गई है।
शासन की ओर से जारी माफियाओं की सूची में शामिल अनिल दुजाना का वर्चस्व पश्चिम यूपी के साथ-साथ पूर्वांचल में भी लगातार बढ़ रहा था। वह पूर्वी यूपी के कई बड़े माफियाओं के संपर्क में भी था। किसी को इस बात का अंदेशा नहीं था सूची में शामिल माफिया के खिलाफ मेरठ एसटीएफ इतनी जल्दी कार्रवाई करेगी। बृहस्पतिवार को जहां मेरठ पुलिस और प्रशासन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों में लगे थे वहीं एसटीएफ की कार्रवाई योगी सरकार की माफिया को मिट्टी में मिला देने की नीति पर खरी उतरी।
मेरठ का रहने वाला बदन सिंह उर्फ बद्दो पर ढाई लाख का ईनाम है, जिसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। बद्दो पर यूपी समेत कई प्रदेशों में हत्या, रंगदारी समेत 40 से अधिक संगीन मामले दर्ज है।
भदौड़ा गांव का रहने वाला योगेश भदौड़ा गैंग डी-75 को लीड करता है, जो उधम सिंह का विरोधी है। उस पर हत्या, गैंगस्टर, अपहरण और डकैती जैसे करीब 40 केस दर्ज हैं। वह सिद्धार्थनगर जेल में बंद है।
माफिया की सूची में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी भी शामिल है। याकूब कुरैशी ने 1980 के दशक में नींबू बेचना शुरू किया था। इसके साथ ही याकूब पशु कटान के कारोबार से जुड़ गया। 2002 में राजनीति में कदम रखा और बसपा से विधायक बनने के बाद मंत्री भी बना। साल 2022 में पुलिस ने याकूब की मीट फैक्टरी में छापेमारी की थी। जहां पर अवैध तरीके से मीट की पैकिंग हो रही थी। याकूब फिलहाल जेल में है। हाल ही में शासन की तरफ से उसका गैंग पंजीकृत किया गया है, जिसमें उसकी पत्नी और दोनों बेटों के भी नाम है।
इसके अलावा सहारनपुर निवासी हाजी इकबाल, सुशील मूंछ, संजीव माहेश्वरी, धर्मेंद्र, शारिक, विनय त्यागी उर्फ टिंकू, अमरपाल उर्फ कालू, बागपत निवासी सुनील राठी, अनुज बरखा, विक्रांत उर्फ विक्की, यशपाल तोमर भी माफिया की सूची में शामिल है।
सीएम के एक्शन के बाद यूपी के अपराधियों में भी खलबली मची है। स्थित यह है कि मेरठ जिले के करीब 50 अपराधी पिछले एक साल में सरेंडर कर चुके है। कोई थाने पहुंचा तो किसी ने कोर्ट में जाकर सरेंडर कर दिया। इसके अलावा पुलिस भी 200 से अधिक अपराधियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर चुकी है।
गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट जोन के माफिया की सूची से अनिल दुजाना का नाम हटने के बाद कई बड़े माफिया रह गए हैं। इसमें अमित कसाना, अनिल भाटी, रणदीपपीााटी, मनोज उर्फ आसे, सुंदर भाटी और सिंहराज भाटी शामिल है।