(www.hapurhulchul.com) उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ की करीब 40 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं खून की कमी से जूझ रही हैं | पिछले 12 महीने में करीब 55 हजार महिलाओं की हिमोग्लोबिन की जांच की गई है, जिनमे करीब 20400 महिलाओं में सामान्य से कम खून पाया गया है | इसमें करीब साढ़े पांच हजार महिलाओं में हिमोग्लोबिन का स्तर आठ डेसीलीटर से भी कम पाया गया है |
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इनमे से करीब (close to)
गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण कर स्वास्थ्य की जांच की जाती है | स्वास्थ्य के रिकॉर्ड के अनुसार एक साल में जनपद में करीब 55 हजार महिलाओ की जाँच की जा रही है | इनमे से करीब 20,400 महिलाओ में खून की कमी पाई गईं है |जनपद में कुपोषण और महिलाओ में होने वाली खून की कमी को दूर करने के लिए साफ निर्देश है |
जिन प्रसूताओ में खून की कमी होती है (women who suffer from anemia)
हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालो में खून की कमी दूर करने के लिए आयरन और विटामिन की निशुल्क गोलिया दी जा रही है | इसके बाद भी महिलाओ में खून की कमी मिल रही है | जिन प्रसूताओ में खून की कमी होती है | उन्हें आयरन सुक्रोज इंजेक्शन लगाकर हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने का प्रयास किया जाता है | इसके अलावा जिन प्रसूताओ के खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा सात या उससे कम पाई जाती है | तो उन्हें खून चढ़ाने की व्यवस्था की जाती है | हीमोग्लोबिन की जाँच सब सेटर स्तर पर उपलब्ध है |
सीएमओ सुनील त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि (Giving information, CMO Sunil Tyagi said that)
सीएमओ सुनील त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में प्रत्येक महीने की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है | महिलाएं अस्पताल जाकर अपनी जांच करा सकती हैं | जांच के बाद खून की कमी से जूझ रही महिलाओं को चिह्नित कर उन्हें दवाई दी जाती है |
सवाददाता हिमांशु वर्मा की खास रिपोर्ट