संडे हो या मंडे, यूपी वाले रोज खा रहे 2.50 करोड़ अंडे
उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन 2.50 करोड़ अंडों की खपत है जबकि यहां प्रतिदिन मात्र 1.60 करोड़ अंडे उत्पादित हो रहे हैं। बैठक में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि उद्यमी इस क्षेत्र में यहां निवेश करें। यहां संभावनाएं काफी हैं। वह मंगलवार को विधान भवन स्थित अंडा संचरण के संबंध में उप्र पोल्ट्री व्यवसायियों तथा नेशनल एग क्वारडिनेशन कमेटी (एनईसीसी) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे।
इस बैठक में पंजाब तथा हरियाणा के अंडा उद्योग ने यूपी की कुक्कुट विकास नीति के बारे में बारीकी से जानकारी ली। मंत्री ने उनसे भी यहां आकर निवेश करने की अपील की। कहा कि सरकार उद्यमियों को हर प्रकार की सहायता एवं सुविधा प्रदान करेगी। साथ ही बैठक में दिए गए व्यवसायियों के सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि प्रदेश को अंडा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और जनसामान्य को गुणवत्तायुक्त अडों की उचित दरों पर उपलब्धता सुनिश्चित कराना सरकार की प्राथमिकता है।
विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पांडेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पशुपालन को लघु उद्योग के रूप में विकसित करने के साथ ही कुक्कुट विकास को भी प्राथमिकता दे रही । वर्तमान में प्रदेश में 1.60 करोड़ अंडों का उत्पादन प्रतिदिन किया जा रहा है, जबकि 2.50 करोड़ अंडों का उपभोग प्रतिदिन होता है। इसकी पूर्ति अन्य राज्यों से आयात कर की जा रही है। जनता, किसानों और उद्यमी इस क्षेत्र में आगे आएं। यहां काफी मांग है।
बैठक में मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि अगले 05 वर्षों में एक करोड़ 90 लाख अंडा प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के कामर्शियल लेयर फार्म की स्थापना तथा एक करोड़ 72 लाख ब्रायलर चूजों के वार्षिक उत्पादन के लिए ब्रायलर पेरेन्ट फार्म की स्थापना का लक्ष्य है। बैठक में नेशनल एग क्वारडिनेशन कमेटी (एनईसीसी) के प्रतिनिधियों ने प्रदेश में अंडों के परिवहन के लिए शीतितयान की अनिवार्यता को समाप्त करने का अनुरोध किया। बैठक में पशुपालन निदेशालय के अपर निदेशक गोधन, डा. राजेश कुमार, डा. बृजेश कुमार त्रिपाठी एवं डा. अजय कुमार मिश्रा आदि मौजूद थे।