विद्यालय छोडऩे वाले छात्रों को कोरोना काल में ली गई 15 फीसदी फीस समायोजित करने को स्कूल नहीं तैयार
गाजियाबाद। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद महानगर के पब्लिक स्कूलों ने विद्यालय छोडऩे वाले छात्रों को कोरोना काल में ली गई 15 फीसदी फीस लौटने और पढऩे वाले विद्यार्थियों की फीस समायोजित करने के लिए तैयार नहीं हैं।
अभिभावकों की ओर से लगातार स्कूलों में संपर्क कर और ई-मेल भेजकर फीस समायोजित करने की मांग की जा रही है लेकिन स्कूल प्रशासन कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। मामले में चौथी बार जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन सौंपने वाली गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने अगले सप्ताह से आंदोलन की चेतावनी दी है।
पैरेंट्स एसोसिएशन का आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेश को तीन माह से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन स्कूल संचालक 15 फीसदी फीस लौटाने को राजी नहीं है। एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी का कहना है कि जिला प्रशासन से कोई कार्रवाई नहीं होने की दशा में हाईकोर्ट के आदेश को भी स्कूल संचालक नजरअंदाज कर रहे हैं।
अब तक स्कूलों ने फीस वापसी और उसे समायोजित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। मामले में 19 जनवरी, 24 जनवरी, पांच अप्रैल के बाद बृहस्पतिवार को ज्ञापन सौंपा गया। अब तक मामले में कार्रवाई नहीं होने से अभिभावक निराश हैं। अभिभावक लगातार स्कूलों में संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लौटा दिया जा रहा है। ऐसे में डीआईओएस को ज्ञापन सौंपकर एक हफ्ते के अंदर कार्रवाई की मांग की गई है।
कोरोना काल की 15 फीसदी फीस वापस और समायोजित नहीं होने के मामले में अभिभावकों को नंदग्राम में राजकीय इंटर कॉलेज (जीआईसी) परिसर स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कार्यालय में लिखित शिकायत करनी होगी। लिखित शिकायत के आधार पर विभागीय कार्यालय की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मामले में एमिटी इंटरनेशनल स्कूल वसुंधरा सेक्टर-एक, चौ. छबीलदास पब्लिक स्कूल, एनएन मोहन पब्लिक स्कूल वसुंधरा, बाल भारती पब्लिक स्कूल बृज विहार, इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल प्रताप विहार, डीएवी स्कूल बृजविहार, डीएवी स्कूल चंद्रनगर, डीपीएस राजनगर, सेंट जोसेफ एकेडमी नंदग्राम, सेंट टेरेसा स्कूल सर्वोदय नगर, सेंट मैरी स्कूल, रैली इंटरनेशनल स्कूल इंदिरापुरम के अभिभावकों ने स्कूलों और डीआईओएस कार्यालय को ई-मेल भेजकर कार्रवाई की मांग की है। मामले में कोई जवाब नहीं मिला है।
जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार श्रीवास का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सभी स्कूलों को आदेश का पालन करने का नोटिस भेजा गया है। स्कूलों ने वर्तमान सत्र में फीस समायोजित करने की बात कही है। इसके बावजूद आदेश न मानने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सीबीएसई को मान्यता वापसी की संस्तुति की जाएगी।
इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ गाजियाबाद के चेयरमैन सुभाष जैन का कहना है कि कोरोना काल में अधिकांश स्कूलों ने जरूरतमंद 70 से 75 फीसदी बच्चों के अभिभावकों को न्यूनतम फीस में 20 फीसदी तक की छूट दी। छूट संबंधी स्कूलों के पास रसीद मौजूद हैं। बाकी बच्चों की 15 फीसदी फीस को नियमानुसार अगली फीस में समायोजित किया जाएगा।