कहा उगाता है खेतों में ‘कुर्सी-मेज’ है ये शख्स
Where does this person grow ‘chairs and tables’ in the fields
ये दुनिया अजीबोगरीब चीज़ों और लोगों से भरी पड़ी है. आप एक ढूंढेंगे तो सैकड़ों ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे, जो आपको चकित कर दें. आज एक ऐसे ही अनोखे शख्स के बारे में आपको बताएंगे, जो कुर्सियां बनाने के बजाय उगाने का काम करता है.
इस काम में उसे समय और मेहनत तो खूब लगती है लेकिन मुनाफा इतने कमाल का है कि आप सुनकर ही खुश हो जाएंगे. आमतौर पर आपनो खेतों में किसानों को फल-सब्ज़ियां उगाते हुए देखा और सुना होगा
खेत में फर्नीचर उगाता है
. हालांकि हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं, वो इससे खेत में फर्नीचर उगाता है. उसकी उगाई गई कुर्सियों की डिमांड खूब है लेकिन कीमत दे पाना सबके बस की बात नहीं. शख्स का नाम गैविन मुनरो है और वो इंग्लैंड के डर्बीशायर डील्स का रहने वाला है.पेड़ पर उगती हैं कुर्सियां!
इस शख्स की कला ये है कि जिस कुर्सियों को लकड़ी काटकर बनाया जाता है, उन्हें ये सीधे-सीधे पेड़ पर ही उगा देता है और फल की तरह उन्हें तोड़ लेता है. इसके लिए वो वीलो नाम के पेड़ का इस्तेमाल करता है, जिसकी टहनियां काफी लचीली होती हैं.
इसी तरह ओक, ऐश और सिकामोर जैसे मजबूत बेलों वाले पेड़ का इस्तेमाल वे फर्नीचर उगाने के लिए करते हैं. पेड़ की बेलों को कुर्सियों का रूप देने के लिए गैविन लोहे के फ्रेम का इस्तेमाल करते हैं और इसके अंदर लकड़ी की कुर्सी को फिट करके उगाया जाता है. हर 5 साल में पेड़ की कटाई की जाती है, ताकि कुर्सियों का शेप नहीं बिगड़े.
पत्नी एलिस भी उनकी मदद करती हैं
गैविन के इस काम में उनकी पत्नी एलिस भी उनकी मदद करती हैं. अगर किसी को कुर्सियां खरीदनी होती हैं, तो उन्हें कम से कम 7 साल पहले ही इसका ऑर्डर देना होता है. इसके बाद वो 5-6 साल में मिल पाती हैं. इसकी कीमत की बात करें तो एक कुर्सी 6 से 7 लाख रुपये में मिलती है. इनकी ज्यादा कीमत के पीछे तर्क ये है कि चूंकि समय और मेहनत दोनों ही इसमें लगती है, ऐसे में दाम खुद ब खुद बढ़ ही जाता है.
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