दीपक सैनी भाजपा के लिए समर्पित कार्यकर्ता था और वह पिछले निकाय चुनाव में 19 वर्ष की कम उम्र में ही भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़कर सभासद बना था। पार्टी से उसे बहुत लगाव था, लेकिन इस बार टिकट न मिलने पर वह दिल से आहत हुआ और उसने जहरीले पदार्थ का सेवन कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बिलखती मां बार-बार एक ही बात कह रही है कि हमें चेयरमैनी और मेंबरी नहीं चाहिए, मेरा लाल वापस लौटा दो। मां का रो-रोकर बुरा हाल है और मां के आंसू नहीं थम रहे हैं।
शामली जनपद में कांधला के मोहल्ला रायजादगान निवासी दीपक पर वर्तमान में भाजपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में जिला शोध प्रमुख की जिम्मेदारी थी। वर्ष 2017 में पिछला निकाय चुनाव दीपक ने भाजपा के सिंबल पर वार्ड- तीन से लड़ा था। इस बार उसने चेयरमैन पद के लिए दावेदारी की, लेकिन पार्टी से उम्र कम होने की वजह से मना कर दिया गया। जिसके बाद दीपक ने वार्ड-एक से सभासद पद के लिए पार्टी को आवेदन दिया।
बताया गया कि वार्ड तीन इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया था, इसी वजह से दीपक को चुनाव लड़ने के लिए अपना वार्ड बदलना पड़ा। रविवार को सूची जारी होने से पूर्व दीपक मंदिर में पूजा-पाठ करने की बात कहकर निकला था। वह मंदिर में था, तभी सूची जारी हो गई। इससे दीपक इतना क्षुब्ध हुआ कि उसने तभी बाजार से जहरीला पदार्थ खरीदा और घर आकर उसे पानी में मिलाकर पी गया। परिजन जब तक मेरठ के अस्पताल लेकर पहुंचे, उसकी मौत हो गई।
दीपक की मां प्रेमलता ने बिलखते हुए बताया कि बेटा शाम को घर से मंदिर के लिए निकला था। बोला था कि मां खाना बना लेना, आकर खाऊंगा, सूची जारी होने वाली है। मुझे क्या मालूम था कि मेरा बेटा इस दुनिया से ही चला जाएगा।
बड़े भाई संदीप ने बताया कि चेयरमैन पद का चुनाव लड़ने के लिए वह पूरी मेहनत कर रहा था, लेकिन उम्र की वजह से ऐसा न हो पाने पर वह डिप्रेशन में चला गया था। परिवार ने भाजपा प्रत्याशी नरेश सैनी पर दीपक का टिकट कटवाने के आरोप लगाए।