बापू: अनंत व जीवंत विचारधारा
Bapu: Infinite and living ideology
बुलंदशहर / जावेद खान : बापू का जीवन प्रेरणास्रोत है।मानव जीवन के प्रबंधन का आधार व प्रकृति की व्यापकता है।वैश्विकरण के वर्तमान युग में वैश्विक शांति के संगीतमय निनाद का शाश्वत व अनंत कलरव गान है।
वास्तव में सैध्दांतिक जीवन को व्यावहारिकता से जोड़कर सीखने की कला व विपरीत परिस्थिति में भी संयम, अहिंसात्मक संघर्ष व मानवीय गुणों के संवर्धन की निपुणता जीवंत रखना दैवीय गुण है।
मानव की प्रत्येक गतिविधियों में प्रकृति संरक्षण, मानवीय भाव, समानता, स्वच्छता, समावेशी भाव, महिला सशक्तिकरण व सम्मान, अन्त्योदय व सर्वोदय उपागम का भाव, कुशलता व सबसे महत्वपूर्ण समाज के प्रति लाभरहित समर्पण होना चाहिए।
संतुलित व्यवहार,उत्कृष्ट आचरण, सम्मान, परंपरा (उनको छोड़ते हुये जो सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों के विपरीत हैं)
समानता, योग्यतानुरूप कौशल विकास व निरंतर अभ्यास , जीवन में सक्रियता व निरंतरता, प्रकृति प्रेम व सहनशीलता का भाव व प्रत्येक ऐसा तत्व जो विश्व शांति व विश्व कल्याण का भाव रखता है, बापू की विचारधारा है
धर्मजीत त्रिपाठी
अपर मुख्य अधिकारी
(पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश)
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