हापुड़। मेरठ-गढ़ हाईवे-709ए के चौड़ीकरण का कार्य रफ्तार पकड़ रहा है। मुख्य सडक़ को छोडक़र हाईवे पर बनने वाले बाईपास पर भी कार्य तेज हुआ है। एनएचएआई की बाईपास को चालू कराकर मुख्य कस्बों में जाम की समस्या से निजात दिलाने की आवश्यकता है। कुल मिलाकर इस हाईवे के निर्माण के लिए करीब 400 ऐसे भवनों को अभी तक ध्वस्त किया जा चुका है। हालांकि मार्ग में पड़ने वाले 14 धार्मिक स्थलों को हटाना अभी बाकी है। अधिकारियों ने इन्हें जल्द हटकर कार्य में तेजी के निर्देश दिए हैं।
50 किलोमीटर लंबे मेरठ गढ़ हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य गति पकड़ रहा है। करीब तीन किमी लंबे हसनपुर बाइपास और आठ किलोमीटर लंबे किठौर बाईपास का कार्य भी तेज हो गया है। मेरठ सीमा के गांव हसनपुर से भटीपुरा के बीच काली सडक़ का निर्माण जोरों पर है। इसके अलावा हसनपुर गांव को पार करने के लिए माछरा संपर्क मार्ग से बनाए जाने वाले बाइपास का निर्माण कार्य भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। कार्यदायी संस्था का जोर इस बात पर है कि बाईपास निर्माण जल्दी हो जाए। जिससे इस सडक़ पर डायवर्जन के कारण कस्बों में लगने वाले जाम से मुक्ति मिल सके।
हाईवे के निर्माण के लिए अभी तक करीब 400 ऐसे पक्के भवनों को चिन्हित कर ध्वस्त किया जा चुका है। जिन्हें मुआवजा दिया गया है। हालांकि अभी गढ़ की ओर कुछ मकानों को ध्वस्त किया जाना बाकी है। इसके अलावा करीब 14 धार्मिक स्थल और हैं, जिन्हें हटाये जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि इन्हें हटाने के लिए किसी की ओर से कोई विरोध नहीं है। इन स्थलों को हटाकर कार्य में तेजी लाई जाएगी।
मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे के निर्देशों के बाद लाइन शिफ्टिंग का कार्य तेज कर दिया गया है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। बाकी बचे विद्युत पोल भी जल्द ही हटा दिए जाएंगे। पेड़ों की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है। निर्माण के लिए कुल 8064 पेड़ों की कटाई की गई है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक संतोष वाजपेई ने बताया कि हाईवे-709ए का चौड़ीकरण निर्धारित अवधि में पूर्ण करने पर जोर है। चौड़ीकरण में बाधक भवनों व अन्य बाधाओं को हटाया जा रहा है। अधिक से अधिक क्षेत्र में काली सडक़ बनाने पर जोर है, ताकि यातायात कम से कम बाधित हो।