
हापुड़।
पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत दर्ज एक गंभीर मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह यादव की अदालत ने दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और ₹25,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
यह मामला 22 अप्रैल 2018 का है, जब थाना पिलखुवा क्षेत्र की एक महिला ने अपनी 16 वर्षीय बेटी के अपहरण और दुष्कर्म की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। पीड़िता बाजार गई थी, तभी गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव अतरौली निवासी सतीश कुमार ने उसे बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया था। मेडिकल जांच और पीड़िता के बयान के आधार पर मुकदमे में दुष्कर्म की धाराएं भी जोड़ी गईं।
गवाही और सबूतों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी सतीश कुमार को दोषी ठहराया और उसे:
20 वर्ष का कठोर कारावास,
₹25,000 का अर्थदंड और
अर्थदंड न देने की स्थिति में अतिरिक्त 2 माह का कारावास सुनाया।
न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि अर्थदंड की 80% राशि पीड़िता को प्रतिकर (compensation) के रूप में दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की ओर से भी पीड़िता को ₹75,000 की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
सख्त संदेश
यह फैसला महिला और बाल अपराधों पर न्यायालय की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। साथ ही, यह पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।