
यह घटना ब्रजघाट (गढ़मुक्तेश्वर), हापुड़ की बेहद दर्दनाक और मार्मिक है, जिसमें दिल्ली के सीलमपुर निवासी 32 वर्षीय युवक अंकित जैन ने अपने चचेरे ससुर को बचाने के प्रयास में अपनी जान गंवा दी। यह हादसा बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान के दौरान हुआ।
अंकित जैन, पेशे से सिलाई का कार्य करते थे। उनके परिवार में पत्नी हेमा उर्फ पिंकी और दो छोटे बेटे हैं।
वे अपने चचेरे ससुर भगवानदास और अन्य परिजनों के साथ गंगा स्नान के लिए ब्रजघाट आए थे।
स्नान के दौरान भगवानदास गहरे पानी में फंसने लगे। अंकित ने उन्हें बचा तो लिया, लेकिन खुद गहरे पानी में डूब गए।
परिजनों के शोर मचाने पर स्थानीय गोताखोरों (मुकेश केवट, काले, भूपेंद्र, विशाल आदि) ने तलाश शुरू की।
लगभग तीन घंटे की खोजबीन के बाद अंकित का शव श्मशान घाट के पास से बरामद हुआ।
शव मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक की ताई मीना जैन बेहोश हो गईं, जिनका बाद में उपचार कराया गया।
कोई कानूनी कार्रवाई न कर, परिजन शव को लेकर सीधे अपने साथ दिल्ली रवाना हो गए।
यह घटना गंगा स्नान के दौरान सुरक्षा इंतजामों की कमी को उजागर करती है।
ब्रजघाट जैसे तीर्थ स्थल पर ऐसे मौकों पर प्रशासन की निगरानी, सुरक्षा घेरा और गोताखोरों की तत्काल उपलब्धता बेहद जरूरी है।
अंकित जैन की बहादुरी और बलिदान ने सभी को भावुक कर दिया है, लेकिन उनके पीछे एक युवा पत्नी और दो छोटे बच्चे रह गए हैं, जो अब सहारे के मोहताज हैं।
यदि आप चाहें, तो मैं इस प्रकार की घटनाओं में प्रशासनिक जवाबदेही, मुआवजे की मांग, या किसी सामाजिक सहायता योजना की जानकारी भी दे सकता हूँ।