

अब जीएसटी पंजीयन में बायोमीट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे फर्जी नाम से पंजीयन कर जीएसटी चोरी करने वाले व्यक्तियों पर लगाम लगाई जा सकेगी। इस नए प्रावधान के तहत अब कोई भी व्यक्ति दूसरे के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर पंजीकरण नहीं करा सकेगा।
मुख्य बातें:
बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य: अब जीएसटी पंजीकरण के लिए आवेदक को खुद उपस्थित होकर बायोमीट्रिक के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण कराना होगा।
फर्जी पंजीकरण पर रोक: यह कदम खासतौर से फर्जी पंजीकरण और कर चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
सुविधा केंद्रों की स्थापना: राज्य के सभी जिलों में जीएसटी सुविधा केंद्र खोल दिए गए हैं, जहां व्यापारी जाकर प्रमाणीकरण करवा सकते हैं।
पूर्व की स्थिति: वैट के समय यह व्यवस्था थी, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद समाप्त कर दी गई थी। अब इसे फिर से लागू किया गया है।
राज्य कर आयुक्त नितिन बंसल के अनुसार, यह प्रक्रिया अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गई है और 14 अप्रैल से केंद्रों का संचालन शुरू हो चुका है।
यह बदलाव ईमानदार व्यापारियों के लिए सुरक्षा की भावना लेकर आया है और कर प्रणाली की पारदर्शिता व विश्वसनीयता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।