
हापुड़। गंगा की स्वच्छता और काली नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए ततारपुर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना की लागत करीब 47 करोड़ रुपये होगी। जल निगम ग्रामीण इस प्लांट का निर्माण कराएगा, जिससे फैक्ट्रियों और नालों के गंदे पानी को शुद्ध करके गंगा में डाला जाएगा।
छह महीने पहले टेंडर जारी हुआ था, जिसे अब तकनीकी स्वीकृति मिल गई है।
एसटीपी के लिए चार हजार वर्ग मीटर भूमि का चयन कर सफाई कार्य पूरा कर लिया गया है।
यह परियोजना नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत संचालित की जा रही है।
काली नदी हापुड़ से बुलंदशहर, अलीगढ़ होते हुए कासगंज में गंगा में मिलती है।
फैक्ट्रियों और नालों का गंदा पानी काली नदी में बहाया जा रहा है, जिससे गंगा नदी भी प्रदूषित हो रही है।
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने बड़े नालों पर एसटीपी लगाने के निर्देश दिए थे।
हर दिन छह लाख लीटर पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा।
फैक्टरी और घरेलू नालों के गंदे पानी को शुद्ध कर गंगा में डाला जाएगा।
गंगा और काली नदी के जल की शुद्धता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
जल निगम ग्रामीण के अधिशासी अभियंता विनय रावत ने कहा कि अब टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा। यह प्रोजेक्ट गंगा की स्वच्छता के लिए एक अहम कदम होगा।