
चैत्र मास की शनि अमावस्या के अवसर पर हापुड़ जिले की तीर्थ नगरी गढ़मुक्तेश्वर के बृजघाट में लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। लेकिन इस दौरान प्रशासनिक लापरवाही के कारण श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बेरीकेडिंग बनी मुसीबत
गंगा के जल स्तर में कमी आने के कारण कई जगहों पर जेट्टी बेरीकेडिंग रेत में धंस गई, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान के लिए रस्सी फांदकर जाना पड़ा। इससे कई लोग असंतुलित होकर गिर भी गए और चोटिल हो गए।
सरकारी मंशा पर अधिकारियों की लापरवाही भारी
सरकार गढ़मुक्तेश्वर के बृजघाट को मिनी हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करने की योजना बना रही है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही इस लक्ष्य को धूमिल कर रही है। अमावस्या पर लाखों श्रद्धालु हापुड़, पंजाब, हरियाणा, अमरोहा, मुरादाबाद सहित कई जिलों से यहां पहुंचे थे, लेकिन अव्यवस्थाओं के कारण उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी।
श्रद्धालुओं ने की प्रशासन से व्यवस्था सुधारने की मांग
श्रद्धालुओं ने मांग की है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो और स्नान घाटों की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि आस्था के इस पर्व को सुरक्षित और सुगम बनाया जा सके।