
गढ़मुक्तेश्वर -करोड़ों की जेट्टी बैरिकेडिंग रेत में धंसी, जिम्मेदारी तय होगी?
गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए करोड़ों की लागत से जेट्टी बैरिकेडिंग लगाई गई थी, लेकिन जलस्तर घटते ही यह रेत में धंस गई। अब यह बैरिकेडिंग बेकार पड़ी है, और जनता के पैसों की बर्बादी का सवाल उठ रहा है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह जेट्टी बैरिकेडिंग लगाई गई थी।
गंगा में जलस्तर घटने से बैरिकेडिंग रेत में धंस गई और अब इसका उपयोग नहीं हो रहा।
लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए ब्रजघाट आते हैं, ऐसे में यह बैरिकेडिंग बेहद जरूरी थी।
तकनीकी खामी – क्या निर्माण कार्य में कोई गड़बड़ी थी?
योजनाओं की निगरानी – क्या इसे लगाने से पहले ज़मीन और जलस्तर का सही आकलन किया गया था?
जिम्मेदार कौन? – इस प्रोजेक्ट में लापरवाही किसकी थी, इसकी जांच होनी चाहिए।
अब प्रशासन पर दबाव बढ़ेगा कि वह इसकी मरम्मत कराए या नए समाधान निकाले, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा बनी रहे और करोड़ों की यह परियोजना व्यर्थ न जाए।