आत्म विश्वास बनाए रखें और धैर्य से प्राप्त होता है लक्ष्य : आशना चौधरी आईएएस
असफल होने के बाद भी व्यक्ति हार न माने और लग्न से अपने लक्ष्य की ओर मेहनत करता रहे तो सफलता जरूर कदम चूमती है। यही बात आशना चौधरी पर सही साबित हो रही है। वह यूपीएससी परीक्षा में दो बार असफल रहीं, लेकिन अब तीसरी बारी में उन्होंने 116वीं रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की है। आशना एसएसवी पीजी कॉलेज के प्रोफेसर अजित चौधरी की बड़ी बेटी हैं। प्रतिदिन 12 से 14 घंटे बिना कोचिंग के पढ़ाई करके उन्होंने यह सफलता हासिल की है। आशना बताती हैं कि उन्हीने कई बार मॉक इंटरव्यू दिए, उन्होंने कक्षा दस की पढ़ाई राजस्थान के उदयपुर में सेंट मैरी स्कूल से की।
जबकि, कक्षा बारह की पढ़ाई गाजियाबाद के डीपीएस स्कूल से पास की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कालेज से अंग्रेजी आनर से ग्रेजुएशन की और अब वह इंटरनेशनल रिलेशन पर मास्टर्स कर रही हैं।पिलखुवा के लखपत की मढैया के रहने वाले अजित चौधरी ने बताया कि बिटिया की इस उपलब्धि पर पूरा परिवार खुश है। वह अपने कॉलेज में भी छात्रों को उच्च से उच्च शिक्षा प्राप्त करने की बात सिखाते हैं और उन्हें अच्छे जीवन शैली के टिप्स भी देते हैं।आशना का कहना है उनकी इस सफलता का क्षय उनके परिवार को देना चाहती है क्योकि उनके लक्ष्य को प्राप्त करने में उनके परिवार ने उनका पूरा सहयोग किया।
आशना का कहना है
आशना का कहना है की तनाव मुक्त रहते हुए छात्र पूरी मेहनत से तैयारी करें। परीक्षा के दौरान पढ़ाई का समय एक से दो घंटे ही अधिक रखें। एक बात को बार-बार न दोहराएं, कम बोलें और बात को स्पष्ट समझें। तर्क-वितर्क से बचें और पढ़ाई के दौरान सेहत का भी ध्यान रखें। आत्म विश्वास बनाए रखें और धैर्य कभी न खोएं। उनका कहना है पहले प्रयास में असफल होने के बाद वह काफी निराश हो गईं थी ,लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य की और ध्यान दिया। आशना ने बताया कि उन्होंने दो बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी। बिना किसी कोचिंग के लगातार पढ़ाई करती रहीं। उनकी कोशिश ने ही आज उन्हें असफलता प्रदान की है।