
Meerut- एटीएम में कैश डालने वाले ने ही की 68 लाख की चोरी, दोस्त बना साथी
यह मामला एक सुनियोजित और बेहद चौंकाने वाली एटीएम चोरी का उदाहरण है, जहां सुरक्षा व्यवस्था की खामियों का फायदा उठाकर बैंकिंग प्रणाली को चकमा दिया गया। शुभांशु शर्मा की यह तरकीब किसी वेब सीरीज़ या फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगती है, लेकिन असल जिंदगी में उसने इसे अंजाम देकर 68 लाख रुपये की हेराफेरी कर दी।
मुख्य बातें जो इस केस को दिलचस्प बनाती हैं:
भीतर का आदमी – शुभांशु शर्मा खुद सिक्योर वैल्यू कंपनी में कस्टोडियन था और एटीएम में कैश डालने का जिम्मेदार था।
पासवर्ड चोरी – उसने हिताची कंपनी के ऑपरेटरों के पासवर्ड चुपके से देख लिए, जिससे उसे किसी भी एटीएम से नकदी निकालने की सुविधा मिल गई।
चालाकी से ऑडिट को धोखा – जब भी किसी एटीएम का ऑडिट होने वाला होता, वह दूसरे एटीएम से पैसे निकालकर वहां की कमी पूरी कर देता था। सुरक्षा में सेंध – वारदात के दौरान उसका दोस्त कपिल एटीएम के सीसीटीवी कैमरों की तार काट देता था, जिससे उनकी पहचान न हो सके।
पुलिस की कार्रवाई – पुलिस ने अब तक 14 लाख रुपये नकद और बैंक में जमा 35 लाख रुपये सीज कर लिए हैं।
यह मामला दिखाता है कि कैसे बैंकिंग सुरक्षा में अंदरूनी जानकारी रखने वाले लोग भी घोटाले कर सकते हैं। हालांकि पुलिस की तत्परता से आरोपियों को पकड़ लिया गया, लेकिन इस घटना ने एटीएम सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या आप इस मामले से जुड़ी किसी विशेष जानकारी की मांग कर रहे हैं, जैसे आगे की जांच या कानूनी कार्रवाई की अपडेट?
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