
Muzaffarnagar news- सोरम के चर्चित झगड़े में उमेश मलिक समेत छह दोषमुक्त, मुजफ्फरनगर दंगे से पहले का मामला
सोरम गांव के चर्चित झगड़े के मामले में पूर्व विधायक उमेश मलिक समेत छह आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिए गए। शिकायतकर्ता ने सम्राट, मनीष, सुधीर, बिजेंद्र, रामपाल, नौरज, उमेश मलिक के खिलाफ जानलेवा हमले और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराया था।
मुजफ्फरनगर दंगे से पहले हुए सोरम गांव के चर्चित झगड़े के मामले में पूर्व विधायक उमेश मलिक समेत छह आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिए गए। सिविल जज सीनियर डिवीजन विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी देवेंद्र सिंह फौजदार ने फैसला सुनाया। शाहपुर थाना क्षेत्र के सोरम गांव में 20 अगस्त 2013 को दो पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था। वादी ने सम्राट, मनीष, सुधीर, बिजेंद्र, रामपाल, नौरज, उमेश मलिक के खिलाफ जानलेवा हमले और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने जांच के बाद मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। अभियोजन के प्रार्थना पत्र पर आरोपी पक्ष को अदालत ने मारपीट की धाराओं में तलब किया। प्रकरण की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में हुई। ट्रायल के दौरान सम्राट की मौत हो गई थी। शनिवार को पूर्व विधायक उमेश मलिक समेत छह आरोपी कोर्ट में पेश हुए। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया।
यह दर्ज कराया था मुकदमा
सोरम गांव के वादी वाजिद ने पुलिस को बताया था कि उसका चाचा बाली 20 अगस्त 2013 को वापस गांव लौट रहा था। इसी दौरान गन्ने के खेत से सम्राट, मनीष, सुधीर, बिजेंद्र, रामपाल, नौरोज, उमेश मलिक तलवार व लाठी डंडे लेकर खेत से निकले। बाली के साथ मारपीट की। शोर मचाने पर आरोपी भाग गए थे। आरोप लगाया था कि इस घटना से कईं घंटे पहले पूर्व विधायक उमेश मलिक गांव में आया था और भड़काऊ भाषण दिया था।
इस तरह बन गई थी रंजिश
टनाक्रम से पहले क्षेत्र में एक युवती के साथ बदसलूकी का आरोप लगाया गया था। कहासुनी के बाद तनाव बढ़ा। सामाजिक पंचायतों का दौर चला। किसान संगठनों के प्रतिनिधि, सपा और भाजपा नेता भी सक्रिय हुए थे। इसी दौरान यह झगड़ा हो गया, जिस कारण तनाव और अधिक बढ़ गया था। इसके बाद जानसठ कोतवाली क्षेत्र में कवाल कांड हो गया था।