

महाकुंभ 2025 में यह अनोखा प्रयास निश्चित रूप से ध्यान आकर्षित करने वाला है। नागा संन्यासियों का इस तरह आई-टेस्ट जागरूकता अभियान से जुड़ना न केवल रोचक है, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता के लिए एक प्रभावी माध्यम भी साबित हो सकता है।
आमतौर पर नागा संन्यासी अपने कठोर तप और रहस्यमयी जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस बार उन्हें एक सामाजिक संदेश के साथ देखना वाकई खास है। आईबेटेस फाउंडेशन द्वारा अपनाई गई यह अनूठी रणनीति महाकुंभ की भव्यता और सामाजिक सेवा की भावना को और मजबूत करती है।
क्या इस अभियान के तहत अब तक कितने लोगों का आई-टेस्ट किया गया है? और क्या इसे अन्य स्थानों पर भी विस्तारित करने की योजना है?