हापुड़ में ओलावृष्टि से किसानों को हुए भारी नुकसान को देखते हुए प्रशासन को जल्द से जल्द सर्वे कराकर आर्थिक मदद प्रदान करनी चाहिए।
प्रमुख बिंदु:
- फसलें प्रभावित: सरसों, आलू, मटर, गेहूं और गन्ने की फसल को भारी नुकसान।
- सरसों और मटर की हानि: सरसों की फलियों से दाने झड़ गए, मटर की फसल भी खराब हो गई।
- गेहूं की फसल पर असर: पानी भरने और तेज हवाओं से गेहूं की फसल गिर गई, जिससे बालियां टूट गईं।
- आलू की समस्या: खेतों में पानी भर जाने से आलू सड़ने की आशंका बढ़ गई है।
- गन्ने की ढुलाई में दिक्कत: जलभराव के कारण गन्ने की कटाई और ढुलाई में समस्या।
- किसानों की मांग: प्रगतिशील किसान ज्ञानेन्द्र त्यागी ने किसानों को आर्थिक मदद देने की अपील की है।
आवश्यक कदम:
- प्रशासन द्वारा त्वरित सर्वेक्षण: नुकसान का आकलन कर प्रभावित किसानों को राहत दी जाए।
- बीमा योजना के तहत मुआवजा: जिन किसानों की फसलें फसल बीमा योजना के तहत आती हैं, उन्हें तत्काल मुआवजा दिया जाए।
- जलनिकासी की व्यवस्था: खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
- सरकार से मदद की अपील: कृषि विभाग और स्थानीय प्रशासन को राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
अगर प्रशासन समय रहते सहायता करता है, तो किसानों को इस प्राकृतिक आपदा से उबरने में मदद मिलेगी।








