

महाकुंभ में हुए इस बैठक से स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया गया है कि काशी की पुरानी और पवित्र संस्कृति की रक्षा के लिए संत समुदाय एकजुट है। यह आंदोलन न केवल धार्मिक धरोहर को संरक्षित करने का उद्देश्य रखता है, बल्कि काशी के विभिन्न मंदिरों की मुक्ति के लिए भी आवाज उठाई जा रही है।
कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जैसे काशी को सनातन धर्म नगर घोषित करने की मांग, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग की व्यवस्था, और ज्ञानवापी समेत अन्य ऐतिहासिक मंदिरों की मुक्ति के लिए कदम उठाने की बात। इसके अलावा, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए विभिन्न धार्मिक स्थानों को मुक्त करने, और मांस, मछली, मजार आदि पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है।
यह आंदोलन काशी की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए समर्पित है, और संतों का सहयोग इस दिशा में महत्वपूर्ण रहेगा।
क्या आप इस विषय पर कुछ और जानकारी या किसी विशेष पहलू पर चर्चा करना चाहेंगे?