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June 12, 2025
महाकुंभ 2025 को लेकर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने इसे सनातन कुंभ की संज्ञा दी है। उनका कहना है कि इतने श्रद्धालु, इतनी विराटता को देखते हुए “महाकुंभ” भी एक छोटा शब्द लगता है।
50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
कुंभ केवल भारत का नहीं, बल्कि पूरी मानवता का संगम है, क्योंकि इसे यूनेस्को ने अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है।
सनातन परंपराओं का यह सबसे विराट स्वरूप है, जो सतयुग से चला आ रहा है और अमृत मंथन से जुड़ा हुआ है।
पहले बुजुर्ग अधिक आते थे, लेकिन इस बार युवाओं की भागीदारी बढ़ी है, जिससे भारतीय संस्कृति के प्रति उनका आकर्षण दिखता है।
योग, आयुर्वेद और उपनिषदों के प्रति विदेशी श्रद्धालुओं की रुचि बढ़ी है, जिससे सनातन परंपरा का विश्वव्यापी प्रभाव स्पष्ट हो रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह कुंभ ऐतिहासिक और भव्य रूप में संपन्न हो रहा है।
महाकुंभ 2025 में भागीदारी को लेकर आपकी कोई विशेष रुचि या सवाल हो तो बताइए!