

महाकुंभ 2025 एक बार फिर श्रद्धा, आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम बन चुका है। 27वें दिन (8 फरवरी) को सवा करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। मेला प्रशासन के अनुसार, अब तक महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं, और यह संख्या 26 फरवरी तक 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकती है।
जया एकादशी पर विशेष स्नान
जया एकादशी के मौके पर रवि योग के दौरान श्रद्धालुओं का जनसैलाब आधी रात से ही संगम की ओर उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं के साथ संतों ने भी शोभायात्रा निकालकर संगम में डुबकी लगाई। स्नान का सिलसिला रातभर चलता रहा, और मेला प्रशासन ने रात 8 बजे तक 1.32 करोड़ लोगों के स्नान का दावा किया।
महाकुंभ का अब तक का आँकड़ा:
सांस्कृतिक समागम की विशेषताएँ:
श्रद्धालुओं का यह सैलाब दर्शाता है कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और सामाजिक समागम है।