

यह एक गंभीर समस्या है, जो हापुड़ जनपद में यातायात सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। ओवरलोड वाहनों का संचालन न केवल सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनता है, बल्कि यह यातायात व्यवस्था को भी प्रभावित करता है, जैसा कि हाल ही में बक्सर में हुआ हादसा इसका उदाहरण है। जब अधिकारी कार्रवाई में चूकते हैं, तो इससे न केवल अव्यवस्था फैलती है, बल्कि दुर्घटनाओं के होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
एआरटीओ और यातायात पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि वे ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं, ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। इस तरह की घटनाओं से नागरिकों का विश्वास भी प्रभावित होता है, क्योंकि सुरक्षा की प्राथमिकता सुनिश्चित करने में अधिकारियों की लापरवाही साफ दिखाई देती है।