Mahakumbh- 19 दिन में दिल्ली से नौ गुना ज्यादा लोग स्नान करके चले गए, कूड़ा निकला मात्र छह हजार मीट्रिक टन
Maha Kumbh- In 19 days, nine times more people than Delhi took bath and left, only six thousand metric tons of garbage was collected
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में 31.46 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे, और इस दौरान स्वच्छता का भी खास ध्यान रखा गया। मेला क्षेत्र में कुल 6,000 मीट्रिक टन कूड़ा निकला, जो दिल्ली की जनसंख्या से करीब नौ गुना ज्यादा श्रद्धालुओं के आने के बावजूद बहुत कम है।
कूड़ा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था:
प्रयागराज नगर निगम के अनुसार, मेला क्षेत्र में प्रतिदिन औसतन 300 मीट्रिक टन कूड़ा और विशेष पर्वों पर 400 मीट्रिक टन कूड़ा निकला, जिसे घूरपुर स्थित प्लांट में भेजा जा रहा है।
सफाईकर्मी पूरी तत्परता से मेला क्षेत्र और घाटों पर सफाई में जुटे रहे। किसी भी जगह कूड़ा दिखते ही उसे उठाया जाता था।
आरडीएफ (रफ डिस्पोजेबल फैक्ट्र) को सीमेंट फैक्टरी में भेजा जा रहा है।
विशेष पहल:
आरएसएस ने 50 लाख स्टील की थाली और कपड़े के थैले महाकुंभ में भेजने का दावा किया।
मेला क्षेत्र में कुल्हड़, दोना-पत्तल, और कपड़े व जूट थैला की दुकानें खोली गईं।
25 सेक्टरों में 25,000 डस्टबिन, 1,50,000 शौचालय, 300 सक्शन गाड़ियां, और 10,200 स्वच्छताकर्मी तैनात किए गए थे।
1,800 गंगा सेवादूत स्वच्छता निगरानी के लिए तैनात थे।
महाकुंभ की सफाई:
यह महाकुंभ स्वच्छता के मामले में एक उदाहरण साबित हुआ है। श्रद्धालु कम से कम कूड़ा छोड़ते हुए स्वच्छता का पालन कर रहे थे। खासकर, पान-मसाले की पीक भी महाकुंभ में देखने को नहीं मिली।