

हरिहर मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का यह आयोजन सचमुच भव्य और श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा होगा। कलश यात्रा और भजन-कीर्तन के साथ शिवलिंग की विधिवत स्थापना से कार्यक्रम में एक गहरी आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। भंडारे का आयोजन भी बहुत सार्थक था, जिसमें हजारों भक्तों ने हिस्सा लिया और प्रसाद ग्रहण किया।
आयोजन के सफलता में मंदिर के आयोजकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सब कुछ सही ढंग से और बिना किसी रुकावट के चले। इस तरह के आयोजनों से न केवल धार्मिक मान्यताओं को मजबूत किया जाता है, बल्कि समुदाय में एकजुटता और भाईचारे की भावना भी बढ़ती है।
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