Mahakumbh-विश्व हिंदू परिषद के संत सम्मेलन में उठेगी आवाज, अब मथुरा-काशी की बारी; वक्फ बोर्ड पर भी होगी चर्चा
Mahakumbh-Voice will be raised in the saint conference of Vishwa Hindu Parishad, now it is the turn of Mathura-Kashi; Waqf board will also be discussed
प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में इस बार विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की गतिविधियां खासा प्रमुखता पाएंगी। विहिप के महाकुंभ नगर स्थित शिविर में संत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें धार्मिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। विहिप संत सम्मेलन में इस बार वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की मांग की जाएगी।
मुख्य मुद्दे:
वक्फ बोर्ड को खत्म करना: विहिप लगातार वक्फ बोर्ड की नीतियों और उसके कामकाज पर सवाल उठाता रहा है। संत सम्मेलन में इस बार वक्फ बोर्ड को समाप्त करने का प्रस्ताव प्रमुख रूप से उठाया जाएगा। विहिप का कहना है कि वक्फ बोर्ड, दरअसल, भू-माफिया बोर्ड बन चुका है और इसका भारतीय हिंदू समुदाय के हितों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
मथुरा-काशी की बारी: विहिप के पदाधिकारियों और संतों का मानना है कि अयोध्या के बाद अब मथुरा और काशी की बारी है। ये दोनों स्थान भी धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं, जहां मंदिरों पर कब्जों को समाप्त किया जाना चाहिए।
धर्मांतरण, मंदिरों पर कब्जे: संत सम्मेलन में धर्मांतरण, मंदिरों पर अवैध कब्जे, और ज्ञानवापी-मथुरा विवाद जैसे राष्ट्रीय मुद्दे भी चर्चा के केंद्र में होंगे।
पिछला इतिहास:
पिछले कई कुंभ मेलों में विहिप ने अपने संत सम्मेलन के माध्यम से धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। विहिप के संत सम्मेलन में पहले ही राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया था, जो अब अयोध्या में भव्य रूप से बन चुका है।
केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक:
इससे पहले विहिप की केंद्रीय मार्गदर्शक कमेटी की बैठक में भी वक्फ बोर्ड मुद्दे पर चर्चा होगी। इस बैठक में ही संत सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा।
संत सम्मेलन कार्यक्रम:
24 जनवरी: केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक
25 जनवरी: साध्वी सम्मेलन
25-26 जनवरी: संत सम्मेलन
27 जनवरी: युवा संत सम्मेलन
अशोक तिवारी, विहिप के अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख ने कहा कि, “विहिप शिविर में आयोजित संत सम्मेलन में वक्फ बोर्ड को समाप्त करने का मामला उठ सकता है। केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में ही संत सम्मेलन के एजेंडे तय होंगे।”