

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान आगामी 22 जनवरी को कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक में प्रयागराज और वाराणसी समेत सात जिलों को मिलाकर धार्मिक क्षेत्र के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। इस प्रस्ताव को तैयार कर लिया गया है, जिससे क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी।
बैठक का स्थान:
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) में 22 जनवरी को सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है। इसमें नए धार्मिक नगरी के प्रस्ताव को रखा जाएगा, जो नीति आयोग की संस्तुति पर तैयार किया गया है।
धार्मिक नगरी का प्रस्ताव:
इस प्रस्ताव के तहत प्रयागराज और वाराणसी के अलावा चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, और भदोही को भी शामिल किया गया है। इन सात जिलों को मिलाकर एक धार्मिक क्षेत्र के गठन की योजना बनाई गई है। इस क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 22 हजार वर्ग किमी होगा।
इसके तहत पूरे क्षेत्र के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से विकास का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रीय विकास के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा।
धार्मिक गलियारे का निर्माण:
इसके अलावा, धार्मिक गलियारे के निर्माण की योजना भी इस बैठक में रखी जा सकती है। इसमें वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, विंध्याचल, और चित्रकूट जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों को मिलाकर एक धार्मिक गलियारा बनाने की योजना है।
इसके अंतर्गत रिंग रोड और गंगा नदी पर पुल समेत विकास कार्यों की योजना बनाई गई है। सेतु निगम ने शिवकुटी से हेतापट्टी के बीच गंगा नदी पर पुल का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसका सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और शासन से मंजूरी भी मिल चुकी है।
इस बैठक में इन सभी प्रस्तावों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिससे धार्मिक पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिल सकेगी।