Maha Kumbh 2025- रथ पर बैठे-बैठे अचानक अचेत हुए महंत अजय, सीपीआर से मिला नया जीवन; दो और की बची जिंदगी
Maha Kumbh 2025- Mahant Ajay suddenly fainted while sitting on the chariot, got a new life through CPR; two more lives saved
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की त्वरित कार्रवाई से तीन लोगों की जान बचाई गई। इन तीनों में आह्वान अखाड़े के महंत अजय गिरि, महंत ननकू गिरि, और 66 वर्षीय महिला संध्या देवी शामिल हैं। समय पर सीपीआर मिलने से उनकी जिंदगी को नई दिशा मिली।
घटनाएं और जीवनदान की कहानियां:
महंत अजय गिरि:
घटना: मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान के दौरान शोभायात्रा में महंत अजय गिरि रथ पर बैठे-बैठे अचानक अचेत हो गए।
कार्रवाई: पास में मौजूद केंद्रीय अस्पताल के लैब टेक्नीशियन अजय शुक्ला ने रथ पर ही उन्हें तुरंत सीपीआर दिया।
परिणाम: सीपीआर के बाद महंत अजय गिरि को होश आ गया। उन्हें तुरंत एंबुलेंस से केंद्रीय अस्पताल में रेफर किया गया।
संध्या देवी (66 वर्ष):
घटना: संध्या देवी को बृहस्पतिवार की शाम केंद्रीय चिकित्सालय में अचेत अवस्था में लाया गया। उनका शुगर स्तर बेहद कम और ऑक्सीजन स्तर 43 तक गिर चुका था।
कार्रवाई: डॉ. आशुतोष यादव और उनकी टीम ने तुरंत सीपीआर देकर स्थिति को नियंत्रण में लाया।
परिणाम: महिला को होश आया और उनकी हालत स्थिर हुई।
महंत ननकू गिरि:
घटना: शुक्रवार को महंत ननकू गिरि को सेक्टर दो स्थित केंद्रीय चिकित्सालय लाया गया। उनकी पल्स और हार्ट बीट का कोई संकेत नहीं मिल रहा था।
कार्रवाई: आईसीयू वार्ड में तैनात डॉ. सिद्धार्थ पांडेय ने उन्हें 12 मिनट तक सीपीआर दिया।
परिणाम: उनकी जान बचाई गई और स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
सीपीआर: जीवन रक्षक तकनीक
सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) का उद्देश्य दिल की धड़कन और श्वसन को बहाल करना है। यह तकनीक कार्डियक अरेस्ट के मामलों में बेहद कारगर है।
क्या करती है सीपीआर?
सीपीआर दिल की पंपिंग और फेफड़ों में ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखती है।
क्यों है महत्वपूर्ण?
समय पर सीपीआर मिलने से दिल की धड़कन दोबारा शुरू हो सकती है और मरीज की जान बचाई जा सकती है।
विशेषज्ञ की सलाह:
आईसीयू इंचार्ज डॉ. वैशाली सिंह के अनुसार, “हर व्यक्ति को सीपीआर की जानकारी होनी चाहिए। यह तकनीक किसी भी आपात स्थिति में मरीज की जान बचाने में सहायक हो सकती है।”
महाकुंभ के लिए संदेश:
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में, जहां लाखों लोग शामिल होते हैं, मेडिकल इमरजेंसी की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर का महत्व और भी बढ़ जाता है। इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि समय पर की गई सही कार्रवाई अनमोल जीवन को बचा सकती है।