Hapur news-शांतिस्वरूप इंटर कॉलेज के पुरातन छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए

Hapur news-शांतिस्वरूप इंटर कॉलेज के पुरातन छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए
हापुड़ के श्री शांतिस्वरूप कृषि इंटर कॉलेज में शनिवार को आयोजित पुरातन छात्र सम्मेलन ने विद्यालय के पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों को एक प्रेरणादायक मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम में उन छात्रों को सम्मानित किया गया जिन्होंने शिक्षा प्राप्ति के बाद अपने कठिन परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति और सकारात्मक दृष्टिकोण से समाज और देश की सेवा में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
सम्मानित पुरातन छात्र
सम्मेलन में सहायक प्रोफेसर, सरकारी शिक्षक, प्रशासनिक अधिकारी, वकील, नेता, और समाजसेवी सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रहे 20 पूर्व छात्रों को सम्मानित किया गया। इन प्रमुख नामों में शामिल हैं:
- रेल मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर दिनेश मोहन सिंह
- मास्टर कार्ड के निदेशक अंकुर कंसत
- सहायक प्रोफेसर डॉ. नितिन त्यागी
- लोको पायलट आदेश कुमार और रजनीश कुमार
- एडवोकेट्स अनिल आजाद, मनीष कुमार, दीपक गर्ग
- रोटरी क्लब के सचिव प्रदीप त्यागी
- पत्रकार अवनीश त्यागी
- भौतिक विज्ञान प्रवक्ता डॉ. अजय मित्तल
- स्टेट बैंक के अधिकारी अमित चेतन
- सहायक अध्यापक नीरज कुमार वर्मा
कार्यक्रम की झलकियां
- मुख्य अतिथि: हापुड़ रामलीला समिति के वरिष्ठ मंत्री हरि प्रकाश जिंदल ने छात्रों को प्रेरणा लेने और जीवन में आदर्श स्थापित करने का संदेश दिया।
- विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रभु दयाल जयंत ने धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से वर्तमान छात्र प्रेरित होते हैं और उन्हें अपने जीवन में दिशा मिलती है।
- कार्यक्रम संयोजक: प्रवक्ता प्रतीक कुमार गुप्ता ने पुरातन छात्रों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और आयोजन की सफलता में सभी का आभार व्यक्त किया।
- विशेष योगदान: एनसीसी कैडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे कार्यक्रम को गरिमामय बना दिया।
छात्र जीवन के अनुभव साझा किए
सम्मेलन के दौरान उपस्थित पुरातन छात्रों ने विद्यालय में बिताए अपने अनुभव साझा किए और वर्तमान छात्रों को सफलता के साथ संस्कारमय जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
इस आयोजन में मनोज कुमार, कृष्ण मुरारी शर्मा, विधानदीश सिंह, डॉ. सोहन कुमार, और अन्य शिक्षकों एवं स्टाफ का विशेष सहयोग रहा।
यह सम्मेलन न केवल छात्रों के बीच जुड़ाव और प्रेरणा का माध्यम बना, बल्कि विद्यालय के गौरवशाली इतिहास को भी पुनर्जीवित करने का अवसर बना।