Meerut news- सेंट्रल मार्केट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला डेढ़ हजार अवैध निर्माणों पर
Meerut news- सेंट्रल मार्केट मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला डेढ़ हजार अवैध निर्माणों पर गरजेगा बुलडोजर
सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ के शास्त्रीनगर स्थित सेंट्रल मार्केट से जुड़े मामले में 10 वर्षों बाद ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। इस फैसले से मार्केट के व्यापारियों और भवन स्वामियों में हड़कंप मच गया है।
फैसले के प्रमुख बिंदु:
- अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण:
- आवासीय क्षेत्रों में हुए व्यावसायिक उपयोग के सभी अवैध निर्माण, जिनमें शोरूम, दुकानें और ऑफिस शामिल हैं, ध्वस्त किए जाएंगे।
- करीब 1,500 अवैध निर्माण इस कार्रवाई की जद में आएंगे।
- निर्माण खाली करने के निर्देश:
- व्यापारियों और भवन स्वामियों को तीन महीने के भीतर परिसर खाली करने का समय दिया गया है।
- तीन महीने बाद दो सप्ताह के भीतर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होगी।
- आवास विकास परिषद की जिम्मेदारी:
- आवास एवं विकास परिषद को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण ध्वस्त करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
- परिषद के अधिकारियों और अन्य प्राधिकरणों को सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
- आदेश न मानने पर संबंधित अधिकारियों पर कोर्ट की अवमानना के तहत कार्रवाई होगी।
- जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई:
- सुप्रीम कोर्ट ने उन अधिकारियों पर भी आपराधिक और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं, जिनके कार्यकाल में ये अवैध निर्माण हुए।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
- सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2014 में दिए आदेश की पुष्टि की, जिसमें भूखंड 661/6 पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश था।
- कोर्ट ने कहा कि आवासीय क्षेत्र में हुए भू-उपयोग परिवर्तन कर बनाए गए सभी व्यावसायिक निर्माण अवैध हैं।
व्यापारियों में खलबली:
इस फैसले के बाद सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों में गहरा संकट छा गया है। व्यापारियों को अपने व्यवसाय बंद करने और दुकानें खाली करने की चिंता सताने लगी है।
10 साल बाद आया फैसला:
यह मामला 10 साल पहले शुरू हुआ था।
- सुप्रीम कोर्ट ने 19 नवंबर को आदेश सुरक्षित रखते हुए 499 भवनों की स्थिति रिपोर्ट आवास विकास परिषद से मांगी थी।
- परिषद ने रिपोर्ट दाखिल करने के बाद मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई की।
आवास विकास परिषद का बयान:
आवास एवं विकास परिषद के अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।
- आदेश अपलोड होने के बाद विस्तृत जानकारी सामने आएगी।
निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अवैध निर्माण और नियमों की अनदेखी पर कड़ा संदेश है। हालांकि, इससे प्रभावित हजारों व्यापारियों और भवन स्वामियों के लिए बड़ा झटका है। आगामी समय में यह मामला प्रशासनिक और कानूनी रूप से बड़ा मुद्दा बन सकता है।