हापुड़ में पति नें पत्नी को मारपीट कर घर से निकला
यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। किसी भी समाज में इस प्रकार की हिंसक और अमानवीय घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
इस मामले में कुछ मुख्य बिंदु हैं:
1. घरेलू हिंसा:
महिला के बयान के अनुसार, पति द्वारा बार-बार मारपीट की जाती है। यह स्पष्ट रूप से घरेलू हिंसा का मामला है, जो कानूनन अपराध है।
2. बच्चे के अधिकारों का हनन:
अगर बच्चे को शराब पिलाने का आरोप सत्य है, तो यह बच्चे के स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए गंभीर खतरा है। यह बाल अधिकारों का उल्लंघन है।
3. पुलिस कार्रवाई:
नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक के अनुसार, मामले की जांच जारी है। बच्चे को मां को सौंप दिया गया है, जो एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, बच्चे को शराब पिलाने के आरोप की गहराई से जांच जरूरी है।
समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
समाज:
ऐसे मामलों में पड़ोसियों और समाज को पीड़िता का साथ देना चाहिए और इस प्रकार की घटनाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
प्रशासन:
प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि आरोपी को उचित सजा मिले और पीड़िता और उसके बच्चे को सुरक्षा व न्याय मिले।
इस घटना ने एक बार फिर यह दर्शाया है कि घरेलू हिंसा और बच्चों के प्रति अमानवीय व्यवहार पर रोक लगाने के लिए समाज और प्रशासन दोनों को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।