26/11 का मुंबई हमला- भारतीय इतिहास का काला अध्याय
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया। यह हमला भारत की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ उसकी तैयारियों की गंभीर परीक्षा थी। तीन दिनों तक चले इस हमले में 166 निर्दोष लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए। आतंकियों ने मुंबई के कई प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया, जिससे न केवल जनहानि हुई बल्कि देश की सामूहिक चेतना पर गहरा घाव हुआ।
घटनाक्रम की मुख्य बातें
1. हमले की शुरुआत
10 आतंकवादी, जो समुद्री मार्ग से पाकिस्तान के कराची से मुंबई पहुंचे थे, आधुनिक हथियारों और ग्रेनेड से लैस थे। वे सभी लश्कर-ए-तैयबा संगठन से जुड़े हुए थे। आतंकियों ने सुनियोजित तरीके से विभिन्न स्थानों पर हमले किए।
2. प्रमुख स्थान
- छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT): यहाँ अंधाधुंध गोलीबारी में दर्जनों यात्री मारे गए।
- ताज महल होटल: आतंकियों ने इस भव्य होटल को निशाना बनाया, मेहमानों को बंधक बनाया और विस्फोटक इस्तेमाल किए। तीन दिनों तक होटल में मुठभेड़ चलती रही।
- ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल: यहाँ भी आतंकियों ने कई बंधक बनाए और कई निर्दोष लोगों की जान ली।
- नरीमन हाउस (यहूदी केंद्र): यहाँ यहूदी परिवार को बंधक बनाया गया। एनएसजी कमांडो ने ऑपरेशन के दौरान आतंकियों को मार गिराया।
- कामा अस्पताल: पुलिसकर्मियों पर हमला कर आतंकियों ने कई लोगों को मारा, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।
3. प्रतिक्रिया और बचाव अभियान
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कमांडो, मरीन कमांडो और मुंबई पुलिस ने इस संकट का मुकाबला किया।
- तीन दिनों तक चले ऑपरेशन में नौ आतंकियों को मार गिराया गया और एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया, जिससे महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।
4. प्रमुख हत्याएं
- हेमंत करकरे (एटीएस प्रमुख), विजय सालस्कर (पुलिस अधिकारी), अशोक कामटे (एसीपी) सहित कई बहादुर अधिकारी शहीद हुए।
5. हमले के बाद की कार्रवाई
- अजमल कसाब को 2012 में फांसी दी गई।
- हमले के बाद भारत ने अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का गठन किया गया और तटीय सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया।
प्रभाव और सीख
यह हमला न केवल देश की सुरक्षा प्रणाली में खामियों को उजागर करता है बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की जरूरत को भी दर्शाता है। इस हमले ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और आम नागरिकों की भूमिका को भी एक नया आयाम दिया।
26/11 का मुंबई हमला भारत के साहस, संघर्ष और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। यह घटना हमें हर साल याद दिलाती है कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सतर्कता और एकता आवश्यक है।