बिहार में पुलिसवालों के पास ही मिल रही शराब, एसपी ने दरोगा समेत सात पुलिसकर्मियों को किया गिरफ्तार
बिहार में पुलिसवालों के पास ही मिल रही शराब, एसपी ने दरोगा समेत सात पुलिसकर्मियों को किया गिरफ्तार
बिहार में लागू शराबबंदी कानून की सख्ती के बावजूद, शराबबंदी की जिम्मेदारी संभालने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई ने एक बार फिर से इस कानून के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वैशाली जिले में एंटी लिकर टास्क फोर्स (ALTF) के सात कर्मियों को शराब रखने, पीने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना राज्य में शराबबंदी कानून की स्थिति और उसके पालन में हो रही खामियों को उजागर करती है।
घटना का विवरण:
- गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी:
वैशाली एसपी हरकिशोर राय को सूचना मिली थी कि महुआ थाने में तैनात ALTF के कर्मी शराबबंदी कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। इसके बाद, एसपी के नेतृत्व में विशेष टीम ने छापेमारी की। - बरामदगी:
पुलिस ने छापेमारी के दौरान 32 लीटर देसी शराब और 500 एमएल विदेशी शराब बरामद की। - गिरफ्तार पुलिसकर्मी:
दरोगा निसार अहमद, सिपाही प्रिया रानी, होमगार्ड जवान महेश राय समेत सात पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया। - मामले की कार्रवाई:
सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ALTF का गठन और उद्देश्य:
बिहार सरकार ने ALTF का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया था कि शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन हो। इसका उद्देश्य शराब माफियाओं और तस्करों को वैज्ञानिक तरीकों से पकड़ना और राज्य में शराब की तस्करी पर रोक लगाना था। लेकिन इस घटना ने ALTF की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
चिंताजनक पहलू:
- शराबबंदी कानून का पालन करने वाले अधिकारी ही इसका उल्लंघन कर रहे हैं।
- ऐसी घटनाएं आम जनता में सरकार की नीतियों पर भरोसा कम कर सकती हैं।
- शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों में सुधार और निगरानी की आवश्यकता है।
निष्कर्ष:
यह घटना बिहार में शराबबंदी कानून के प्रभावी क्रियान्वयन की गंभीरता पर सवाल उठाती है। सरकार को इस कानून को मजबूत बनाने के लिए न केवल तंत्र में सुधार करना होगा, बल्कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करनी होगी, चाहे वे किसी भी पद पर हों।