कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले में सैलाब उमड़ा
गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले का विशेष महत्व है और यह पश्चिम उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मेलों में से एक है। इस मेले में भाग लेने के लिए श्रद्धालु महीनों पहले से तैयारी करते हैं और विभिन्न साधनों जैसे ट्रैक्टर-ट्रॉली और भैंसा बुग्गी से मेले तक पहुंचते हैं।
पहले इस मेले को “लक्खी मेला” कहा जाता था, और यह गढ़मुक्तेश्वर के गंगा किनारे रेतीले स्थान पर ही लगता था। हालांकि अब यह मेला गंगा किनारे कई स्थानों पर आयोजित होने लगा है। बुजुर्गों के अनुसार, पुराने समय में पूरे परिवार गंगा स्नान के लिए बैलगाड़ी से जाते थे और गांव के लोग गंगा के किनारे रेती में डेरे डालकर एक साथ रहते थे। इस दौरान वे एक-दूसरे के डेरे में नाश्ता और भोजन करने का आनंद लेते थे, जिससे मेल-मिलाप की भावना को बल मिलता था।
हालांकि, समय के साथ गंगा की धारा गढ़मुक्तेश्वर से 10-12 क…