हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में आयोजित होने वाला कार्तिक मेला उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मेला
हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में आयोजित होने वाला कार्तिक मेला उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मेला है। इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है और इसे हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा नदी के किनारे मनाया जाता है। मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
कार्तिक मेले का महत्व:
1. धार्मिक महत्व: यह मेला गंगा स्नान के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रद्धालु इस दिन गंगा में स्नान करके पवित्रता और आत्मशुद्धि की कामना करते हैं।
2. सांस्कृतिक धरोहर: यह मेला उत्तर प्रदेश की संस्कृति का एक जीवंत उदाहरण है, जहाँ विभिन्न लोक कलाओं, संगीत, और नृत्य का प्रदर्शन होता है। मेले में स्थानीय शिल्प, हस्तकला, और व्यंजन भी देखने को मिलते हैं, जो भारतीय संस्कृति की विविधता को दर्शाते हैं।
3. सामाजिक संगम: यह मेला लोगों को एकत्रित होने और आपस में सामाजिक बंधनों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। मेले में विभिन्न समुदायों के लोग मिलते हैं, जिससे भाईचारे और सौहार्द का संदेश फैलता है।
4. आध्यात्मिक माहौल: मेले में विशेष पूजा-अर्चना, यज्ञ, और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। यह भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है और उन्हें अपनी आस्था को प्रकट करने का अवसर मिलता है।
गढ़मुक्तेश्वर का कार्तिक मेला एक धार्मिक पर्व से कहीं अधिक है; यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता का संगम है, जो सदियों से लोगों को आकर्षित करता आ रहा है।