(www.hapurhulchul.com) Nirjala Ekadashi | निर्जला एकादशी को सभी एकादशी में श्रेष्ठ माना गया है | यह व्रत बेहद कठिन होता है, इसमें पूरे दिन निर्जला रहना होता है | इसलिए इस व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है | निर्जला एकादशी व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है | इस साल निर्जला एकादशी व्रत पर 3 बेहद शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है |
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एकादशी के दिन बने 3 शुभ योग (3 auspicious yogas formed on the day of Ekadashi)
17 जून की दोपहर 04:43 से होगी जो कि 18 जून की शाम 06:24 बजे समाप्त होगी | इस तरह उदयातिथि के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को रखा जाएगा और 19 जून को द्वादशी तिथि के दिन पारण किया जाएगा | इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून मंगलवार को रखा जाएगा | निर्जला एकादशी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं | 1- त्रिपुष्कर योग, 2- शिव योग, 3- स्वाति नक्षत्र | इन तीन का एकसाथ निर्जला एकादशी के दिन पड़ना बेहद अद्भुत संयोग है | 19 जून को सुबह 05:24 तक त्रिपुष्कर योग रहेगा | 18 जून को सुबह से लेकर दोपहर 03:56 तक स्वाति नक्षत्र रहेगा | इसके अलावा सुबह से रात 09:39 तक शिव योग रहेगा |
सवांददाता हिमांशु वर्मा की खास रिपोर्ट