जीएसटी ने 21 लाख रुपये का अवैध स्क्रैप किया जब्त
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) टीम ने बुधवार देर रात लोहे का अवैध स्क्रैप लादकर ले जा रही चार ट्रकों को अपने कब्जे में ले लिया। जीएसटी टीम को सूचना मिली थी कि बिहार से बड़ी संख्या में बिना ईवे बिल या बोगस (फर्जी) जीएससी पंजीकरण के लोहा, स्क्रैप के रूप में लादकर ट्रक से गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर के अलावा पंजाब की गोविंदगढ़ और झारखंड तक पहुंचाया जा रहा। इसी आधार पर एसआईबी टीम ने अपनी टीम को सक्रिय किया और कार्रवाई की गई। पिछले दिनों गीडा में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री से एक उद्यमी ने अवैध स्क्रैप को खपाए जाने की शिकायत भी की थी।
दरअसल, जीएसटी के अधिकारियों को सूचना मिली कि बिहार से स्क्रैप लेकर ये लेकर गाड़ियां पूरे प्रदेश में जाती हैं। प्रवेश गोरखपुर से होता है और इससे अवैध तरीके से व्यापार प्रदेश के अन्य जिलों के साथ दूसरे राज्यों में भी हो रहा। इधर, एक सप्ताह पहले जानकारी मिली कि अवैध स्क्रैप लेकर बिहार से ट्रक दूसरे प्रदेश में माल लेकर निकलने वाला है।
सूचना पर एसआईबी की टीम काम कर रही थी। सूत्रों ने बताया कि जीएसटी विभाग की एक टीम खुद इस अभियान में लगी थी। बिहार में प्रधान नाम के एक टैक्स चोर से मिली।
उनसे खुद का परिचय बड़े सरिया कारोबारी के रूप में कराया। उनकी बात और डिमांड से सहमत होकर प्रधान ने इनकी मुलाकात मुन्ना पांडेय (जीएसटी रिकार्ड में इसी नाम से पहचान) नाम के एक बड़े टैक्स चोर माफिया से कराई।
अपनी जरूरत और सामान गलत तरीके से खुद तक पहुंचाने की दलील के बाद एक तारीख तय हो गई। टीम वापस लौट आई। उधर, स्क्रैप को बिहार से लेकर आने के लिए पिछले एक सप्ताह के आस-पास की तारीख बताई गई। बुधवार रात में टीम ने बिहार से उत्तर प्रदेश में प्रवेश वाले जिले कुशीनगर और देवरिया से दो गाड़ियों को जब्त कर लिया।
जांच में सामने आया कि गाड़ियों में रखे गए सामान का ईवे बिल ही नहीं था। जबकि, जिनमें ईवे बिल और जीएसटी पंजीकरण मिला, वो भी फर्जी था। टीम ने सभी गाड़ियों को सीज कर कार्रवाई की।
जीएसटी सूत्रों ने बताया कि मंडल में लोहे के कुल 232 बड़े कारोबारी हैं। इनमें से पंजीकृत व्यापारियों के पास आने वाले लोहे के स्क्रैप की जांच की जा रही है।
पिछले दिनों दो बड़ी फर्मों पर जाकर टीम ने जांच भी पूरी कर ली है। इसके अलावा अन्य में से जांच वाले कारोबारियों की सूची जीएसटी के पास तैयार हो गई है। आने वाले कुछ दिनों में लोहे के कारोबारियों के यहां आए लोहे के स्क्रैप का मिलान भी किया जाना शुरू होगा।
जीएसटी के सूत्रों ने बताया कि इस लोहे के स्क्रैप से करोड़ों रुपये से अधिक का व्यापार होता है। दरअसल, लोहे की फैक्ट्रियों में अघोषित रूप से लोहे के कबाड़ की खरीद की जाती हैं।
ऐसा इसलिए कि उससे बिना प्रपत्रों के सरिया, लोहे के एंगल, चादर व सरिया बनाने में प्रयोग किया जाने वाला इंगट तैयार किया जाता है। इसी इंगट को बिल्डरों को बाजार से सस्ते दर पर दे दिया जाता। अघोषित रूप से लोहे से होने वाले व्यापार की वजह और बड़े मुनाफे से ऐसे कारोबार किया जा रहा।