80 मिनट में तय होगी IGI एयरपोर्ट से नोएडा एयरपोर्ट की दूरी
दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है। अब इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से नोएडा एयरपोर्ट की दूरी केवल केवल 80 मिनट की हो जाएगी। यानी लोग एक घंटा 20 मिनट में दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट आसानी से पहुंच जाएंगे इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 16,000 करोड़ रुपये के रैपिड रेल कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है।
इससे न केवल दो एयरपोर्ट बल्कि दिल्ली के अन्य हिस्सों भी जुड़ेंगे।
दुनियाभर के शहरों में जहां बहुत सारे एयरपोर्ट हैं, वहां हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का इस्तेमाल आमतौर पर यात्रियों के बिना किसी रुकावट आने-जाने की सुविधा के लिए किया जाता है।इस रेल कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिबहन निगम द्वारा तैयार की जा रही है। इससे न केवल दो एयरपोर्ट बल्कि दिल्ली के अन्य हिस्सों भी जुड़ेंगे। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट मार्च तक पूरी होने की उम्मीद है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के नोडल अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया के अनुसार, परियोजना शुरू होने के बाद इसके चार साल में पूरा होने का अनुमान है।
एयरपोर्ट ने फ्लाइट ऑपरेशन के लिए इंडिगो और अंकासा एयर के साथ समझौता किया है।
यह नया रेल कॉरिडोर नोएडा एयरपोर्ट के ग्रीनफील्ड को बढ़ाएगा और इससे दिल्ली एयरपोर्ट के पैसेंजर ट्रैफिक को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। नोएडा एयरपोर्ट से इस साल के आखिर में पहली फ्लाइट उड़ान भरेगी। एयरपोर्ट ने फ्लाइट ऑपरेशन के लिए इंडिगो और अंकासा एयर के साथ समझौता किया है। गौरतलब है कि जहां दिल्ली एयरपोर्ट का संचालन जीएमआर समूह द्वारा किया जाता है, वहीं नोएडा एयरपोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी ज्यूरिख एयरपोर्ट को मिली हैइस रेल कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम द्वारा तैयार की जा रही है। इससे न केवल दो एयरपोर्ट बल्कि दिल्ली के अन्य हिस्सों भी जुड़ेंगे। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट मार्च तक पूरी होने की उम्मीद है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के नोडल अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया के अनुसार, परियोजना शुरू होने के बाद इसके चार साल में पूरा होने का अनुमान है।
नोएडा एयरपोर्ट से इस साल के आखिर में पहली फ्लाइट उड़ान भरेगी।
यह नया रैपिड रेल कॉरिडोर नोएडा एयरपोर्ट के ग्रीनफील्ड को बढ़ाएगा और इससे दिल्ली एयरपोर्ट के पैसेंजर ट्रैफिक को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। नोएडा एयरपोर्ट से इस साल के आखिर में पहली फ्लाइट उड़ान भरेगी। एयरपोर्ट ने फ्लाइट ऑपरेशन के लिए इंडिगो और अकासा एयर के साथ समझोता किया है। गौरतलब है कि जहां दिल्ली एयरपोर्ट का संचालन जीएमआर समूह द्वारा किया जाता है, वहीं नोएडा एयरपोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी ज्यूरिख एयरपोर्ट को मिली है।प्रस्ताव के अनुसार, नोएडा एयरपोर्ट लिंक गाजियाबाद स्टेशन से होकर निकलेगा, जो दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट के लिए इंटरचेंज स्टेशनों में से एक के तौर पर काम करता है।
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इसका इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और एयरोसिटी में एक स्टेशन होगा।
पैसेंजर दिल्ली-मेरठ रेल के शुरुआती स्टेशन सराय काले खां के जरिए निर्माणाधीन दिल्ली-अलवर रैपिड रेल से भी जुड़ सकेंगे। दिल्ली-अलवर रेल के 2025 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है। इसका इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और एयरोसिटी में एक स्टेशन होगा। इस प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है। दोनों एयरपोर्ट के बीच यात्रा का समय 80 मिनट होने की उम्मीद है।