ब्रजघाट पहुंची डाल्फिन की गणना करने वाली टीम
Dolphin counting team reached Brajghat
बिजनौर से डल्फिन की गणना के लिए चली डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने तीन दिन गंगा में करीब 40 किलोमीटर की यात्रा यह यात्रा खड़कालो से शुरू होकर ब्रजघाट तक पहुंच गई।
तीसरे 5 दिन टीम को स्थानों पर डाल्फिन समूह के साथ दिखाई दी। हर झुंड डॉल्फिन की संख्या दो से तीन थी। बृहस्पतिवार को टीम आगे के लिए रवाना होगी।
टीम को उम्मीद है कि इस बार गंगा में डॉल्फिन का कुनबा बढ़ा हुआ मिल सकता है।
दो अक्टूबर को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ सर्वे टीम में शामिल गंगा डॉल्फिन संरक्षण प्रोजेक्ट देख रहे मोहम्मद शाहनवाज खान, वरिष्ठ काआर्डिनेटर संजीव यादव ने यात्रा शुरू की भी तीन दिनों में 140 किलोमीटर की दूरी उप करके टीम ब्रजघाट पहुंच गई। इस बीच 18 स्थानों पर
कामर्डिनेटर संजीव यादव माया कि बृहस्पतिवार को टीम आगे के लिए रवाना हो जाएगी।
उसके बाद छह अक्टूबर को वह टीम नरौरा बैराज पहुंच जाएगी। नरौरा पहुंचने के बाद यात्रा के दौरान देखी गई डाल्फिन को संख्या को सार्वजनिक किया जाएगा।
वरिष्ठ कोआर्डिनेटर संजीव यादव का कहना है कि गंगा में जिस तरह हानि दिख रही है, इनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद हैं।
हमारी एक टीम आसपास के गांव के लोगों को संरक्षण के लिए जागरूक भी रही है। संजीव यादव ने बताया कि गंगा में कई स्थानों पर मादा घडियाल भी दिखाई दिए।
इनमें से कई वर्ष 2010 से पहले छोड़े गए घड़ियाल है। करीब 15 वर्ष पूर्व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने पुनर्वास अभियान चलाकर अब तक 700 से ज्यादा घड़ियाल गंगा में छोड़े है