सपा की नई टीम में शिवपाल के सिर्फ 5 करीबी ,48% गैर-यादव OBC, 10 SC चेहरे
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले BJP पीएम नरेंद्र मोदी को पिछड़ा वर्ग के चेहरे के तौर पर पेश कर रही है। यूपी में इसकी तोड़ के लिए सपा ने 182 सदस्यों वाली नई टीम में पिछड़ा वर्ग और एससी चेहरों पर खास ध्यान दिया है। करीब 30 गैर यादव ओबीसी और 10 एससी चेहरों को शामिल किया गया है।
नई टीम में 12 मुस्लिम, 5 ठाकुर और 2 ब्राह्मण चेहरों को शामिल करके बैलेंस करने की कोशिश हुई है। देखा जाए तो ‘यादवों की पार्टी’ वाली छवि से सपा बाहर निकलने की कोशिश कर रही है। PDA की झलक भी इस नई टीम में दिख रही है।
समाजवादी पार्टी ने इसी साल अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की थी। लेकिन प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा करने में समाजवादी पार्टी को लगभग 8 महीने का वक्त लग गया। 2024 के चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने अपनी लंबी चौड़ी प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा की है। इसमें भी कहीं न कहीं पीडीए का असर साफ दिखाई दे रहा है। यानी समाजवादी पार्टी की इस कार्यकारिणी में पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक समाज से आने वाले नेताओं को ज्यादा तरजीह दी गई है।
अल्पसंख्यक चेहरों की बात करें तो प्रदेश कार्यकारिणी में 12 मुस्लिम नेताओं को जगह दी गई है। तीन महासचिव में 2 मुस्लिम चेहरों को शामिल किया गया है। एक को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। छोटे पदों को भी मिला लें तो करीब 24 मुस्लिम नेताओं को इस प्रदेश कार्यकारिणी में जगह दी गई है।
यानी कुल भागीदारी का लगभग 20 फीसदी अल्पसंख्यक समाज को दिया गया है। ईसाई समुदाय के प्रतिनिधि के तौर पर नीलम रोमिला सिंह को जगह दी गई है। सिख चेहरे के तौर पर पीलीभीत के कुलवंत सिंह को जगह दी गयी है। इतना ही नहीं, एससी समाज से आने वाले 10 नेताओं को भी इस राज्य कार्यकारिणी में शामिल किया गया है