ओडिशा ट्रेन हादसे पर बोलते ही रो पड़े अश्विनी वैष्णव
बालासोर | केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार देर रात कहा कि उनका मकसद यह तय करना है कि ओडिशा ट्रेन हादसे में लापता लोगों को उनके परिवार के सदस्य जल्द-से-जल्द ढूंढ सकें. | वैष्णव ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी अभी खत्म नहीं हुई है. रेल मंत्री इस दौरान बात करते हुए भावुक नजर आए. हादसे में 275 यात्रियों की मौत हुई है. वहीं, 1000 से अधिक जख्मी हैं, जिनमें से 56 की हालत गंभीर है |
प्रणाली से छेड़छाड़ का संकेत दिया
वहीं, रेलवे ने ओडिशा ट्रेन हादसे में चालक की गलती और प्रणाली की खराबी की संभावना से इनकार किया तथा संभावित ‘तोड़फोड़’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग’ प्रणाली से छेड़छाड़ का संकेत दिया. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुर्घटना के ‘असल कारण’ का पता लगा लिया गया है और इसके लिए जिम्मेदार ‘अपराधियों’ की पहचान कर ली गई है.
अप मेन लाइन के लिए रवाना किया गया
बालासोर जिले में दुर्घटनास्थल पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह (हादसा)इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और प्वॉइंट मशीन में किए गए बदलाव के कारण हुआ.’ इसमें छेड़छाड़ किए जाने की संभावना के संकेत के साथ उल्लेख किया गया कि सिग्नल ‘दिया गया था और ट्रेन संख्या 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) को अप मेन लाइन के लिए रवाना किया गया था, लेकिन ट्रेन अप लूप लाइन में प्रवेश कर गई और लूपलाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई तथा पटरी से उतर गई. इस बीच, ट्रेन संख्या 12864 (बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस) डाउन मेन लाइन से गुजरी और उसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए तथा पलट गए.
275 लोगों की मौत
बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस तथा एक मालगाड़ी से जुड़ा षण हादसा शुक्रवार शाम लगभग सात बजे हुआ जिसमें कम से कम 275 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक लोग घायल हो गए.
बढ़ने के लिए हरी झंडी थी
अधिकारियों ने रविवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस के चालक को भी यह कहकर क्लीन चिट दे दी कि उसके पास आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी थी और वह अनुमानित गति से अधिक रफ्तार में ट्रेन को नहीं चला रहा था. हादसे से संबंधित एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर लूप लाइन में प्रवेश कर गई जिस पर लौह अयस्क से लदी एक मालगाड़ी खड़ी थी.