
ब्रजघाट (हापुड़)।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब ब्रजघाट के नाविकों की जिंदगी पर भी पड़ने लगा है। गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नौका संचालन पर प्रशासन ने एहतियातन रोक लगा दी है। इसका सीधा असर उन सैकड़ों नाविकों पर पड़ा है, जो नदी में नौका विहार कराकर अपने परिवार का पेट पालते थे।
अब घाटों पर न सवारियाँ हैं और न ही नावों की चहलकदमी। नाविक अब खाली नावों के किनारे बैठकर आसमान की ओर निहारते हैं, और सोचते हैं कि आने वाला कल कैसे गुजरेगा।
ब्रजघाट के नाविक सुरेश कुमार कहते हैं,
“गंगा हमारी माँ है, लेकिन जब वो उफान पर होती है, तो हम नाव लेकर उतर नहीं सकते। सरकार कहती है सुरक्षा जरूरी है — बात सही है, लेकिन कोई ये भी तो बताए कि हम घर कैसे चलाएं?”
तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने घाटों पर अलर्ट जारी कर दिया है और नाव संचालन पर सख्ती बरती जा रही है। हालांकि यह कदम आमजन की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, लेकिन नाविकों के लिए यह जीवन यापन का संकट बन गया है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी में और बारिश की संभावना जताई है।
प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गंगा किनारे के सभी घाटों पर निगरानी बढ़ा दी है, लेकिन नाविकों के पुनर्वास या सहायता को लेकर कोई विशेष योजना सामने नहीं आई है
प्रशासन को चाहिए कि नाविकों के लिए अस्थायी मुआवजा, राशन सहायता या वैकल्पिक रोजगार योजनाएं चलाई जाएं।
क्योंकि जब प्रकृति का गुस्सा उतर जाएगा, तब तक भूख नाविक के घर में डेरा डाल चुकी होगी।