
हापुड़ | धौलाना। तहसील धौलाना में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस उस समय विवादों में आ गया, जब एक पीड़ित दंपती ने पुलिस पर रिश्वत मांगने और दबंगों से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए। गांव गालंद के गढ़ी मोहल्ला निवासी अशोक पुत्र सतवीर और उनकी पत्नी देवेंद्री ने चौकी इंचार्ज वरुण कुमार पर मकान खाली कराने की एवज में 20 हजार रुपये रिश्वत मांगने और न देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया।
पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने करीब दो महीने पहले शीशपाली पत्नी विनोद कुमार से 50 गज का मकान खरीदा था और उसमें ताला लगाकर पैतृक गांव बुलंदशहर चले गए। जब 10 दिन बाद लौटे, तो पाया कि ताले टूटे हुए थे और दरवाजों पर दूसरे लोगों के ताले लगे थे।
पास में रहने वाले रोबिन पुत्र पप्पू और राजे ने खुद ताले लगाने की बात कही और विरोध करने पर अपने बेटों के साथ मिलकर अशोक और उनकी पत्नी से मारपीट की।
पीड़ितों ने बताया कि घटना की सूचना 112 नंबर पर दी गई, लेकिन मौके पर आई पुलिस ने सिर्फ थाने जाने की सलाह दी। जब वे चौकी पहुंचे, तो वहां तैनात चौकी प्रभारी वरुण कुमार ने ताला खुलवाने की एवज में ₹20,000 की मांग की। रकम न देने पर पीड़ित को ही झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई।
हापुड़ एसपी
मेरठ आईजी रेंज
संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम के समक्ष लिखित शिकायत
“मकान जल्द खाली कराया जाएगा, आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले की निष्पक्ष जांच होगी।”
क्या थाना स्तर पर पीड़ितों की शिकायत को नजरअंदाज किया गया?
क्या चौकी स्तर पर पुलिस और दबंगों की मिलीभगत हो सकती है?
क्या यह मामला संपत्ति हड़पने और कमजोर वर्गों को डराने-धमकाने का उदाहरण है?