
16% ज्यादा लोगों की किडनी खराब, जवानी में बर्बाद कर रही 8 चीजें, तुरंत भाग जाएं दूर
ज्यादा नमक खाना (Excess Salt)
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ज्यादा नमक से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हाई बीपी किडनी की सबसे बड़ी दुश्मन है।
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इससे ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR) घटने लगता है।
कम पानी पीना (Less Hydration)
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पानी कम पीने से शरीर के टॉक्सिन बाहर नहीं निकल पाते और किडनी पर लोड बढ़ता है।
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यूरीन का रंग गाढ़ा होना संकेत हो सकता है।
बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द की दवा लेना (Painkillers)
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पेनकिलर्स जैसे NSAIDs (जैसे ब्रूफेन, डाइक्लोफेनाक) किडनी की कोशिकाएं खराब करते हैं।
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन
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इनमें फॉस्फेट, सोडियम और प्रिजर्वेटिव अधिक होते हैं जो किडनी की क्षमता को घटाते हैं।
अत्यधिक प्रोटीन डाइट लेना (जैसे जिम वालों में देखा जाता है)
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शरीर में प्रोटीन का अधिक मेटाबोलिज्म किडनी पर दबाव बढ़ाता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन
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ये ब्लड वेसल्स को सिकोड़ते हैं, जिससे किडनी तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता।
डायबिटीज और हाई बीपी को कंट्रोल न करना
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भारत में किडनी फेलियर के 60% केस डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के कारण होते हैं।
रात भर पेशाब रोकना या बार-बार पेशाब रोकना
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इससे ब्लैडर पर दबाव और किडनी में संक्रमण (UTI) की संभावना बढ़ती है।
भारत में किडनी रोग की स्थिति (डॉ. वैभव गुप्ता द्वारा उद्धृत डेटा)
वर्ष | किडनी डिजीज ट्रेंड (CKD %) |
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2011-2017 | 11.2% |
2018-2023 | 16.38% |
यह डेटा 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों पर आधारित है।
पहचानिए शुरुआती लक्षण:
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पेशाब में झाग बनना
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पेशाब की मात्रा या बार-बार जाना
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आंखों व पैरों में सूजन
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थकावट, उल्टी और भूख कम लगना
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ब्लड प्रेशर का बार-बार बढ़ना
किडनी को स्वस्थ रखने के 5 आसान उपाय:
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दिन में कम से कम 2.5–3 लीटर पानी पिएं
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नमक और चीनी की मात्रा सीमित रखें
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6 महीने में एक बार यूरिन और किडनी फंक्शन टेस्ट कराएं (eGFR, क्रिएटिनिन)
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डायबिटीज और बीपी को कंट्रोल में रखें
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नेफ्रोलॉजिस्ट की सलाह लें यदि लक्षण बार-बार दिखें
निष्कर्ष:
किडनी की खराबी एक “साइलेंट किलर” की तरह होती है। अगर समय रहते आदतें नहीं बदलीं, तो Dialysis और Kidney Transplant जैसी जटिल स्थितियों तक मामला पहुंच सकता है।
आज ही सजग बनें — और अपने शरीर को मौका दें लंबा व स्वस्थ जीवन जीने का।
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