हापुड़, 12 जुलाई 2025:
मोनाड विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट और डिग्री घोटाले के मामले में जिला न्यायालय ने शुक्रवार को नौ आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने इस संगठित अपराध को राष्ट्र और वैधानिक संस्थाओं के लिए गंभीर क्षति करार दिया है।
जिला न्यायाधीश की कड़ी टिप्पणी:
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यह मामला केवल आर्थिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ गंभीर धोखा है।
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फर्जी डिग्रियों और मार्कशीटों के जरिए वैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को ठेस पहुंची है।
जिनकी जमानत याचिकाएं खारिज हुईं:
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अनिल बत्रा
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नितिन कुमार
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इमरान
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विपिन चौधरी
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कुलदीप सिंह
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सन्नी कश्यप
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गौरव शर्मा
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संदीप कुमार सहरावत
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मुकेश ठाकुर
मुख्य आरोपी विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र सिंह हुड्डा:
अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया:
जिला शासकीय अधिवक्ता गौरव नागर ने बताया:
“जांच में सामने आया कि इन सभी आरोपियों ने संगठित सिंडिकेट बनाकर फर्जी मार्कशीट व डिग्रियां तैयार कीं और उनका फर्जी सत्यापन भी किया। इससे सैकड़ों छात्रों का भविष्य अंधकार में डाला गया।”
निष्कर्ष:
इस प्रकरण ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त नकली विश्वविद्यालयों और डिग्री माफिया के जाल को उजागर किया है। अदालत का यह फैसला संकेत है कि अब शैक्षणिक अपराधों को हल्के में नहीं लिया जाएगा और सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।