
हापुड़।
थाना पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के धौलाना रोड स्थित सालासर फैक्ट्री में रविवार को हुए हादसे में एक मजदूर की मौत और पांच अन्य के घायल होने के बावजूद, अब तक किसी भी जिम्मेदार की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। यह लापरवाही अब कई सवालों के घेरे में है।
सूत्रों के मुताबिक, फैक्ट्री में वर्षों पुराने और जर्जर हो चुके टीन शेड की हालत को लेकर कई बार शिकायतें की गई थीं, लेकिन प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा ये हुआ कि बारिश के दौरान एक शेड भरभराकर गिर पड़ा और उसके नीचे दबकर राम भूल नामक मजदूर की मौत हो गई, जबकि अन्य पांच मजदूर घायल हो गए।
पुलिस ने घटना के बाद फैक्ट्री मालिक आलोक अग्रवाल, शलभ, शशांक, मैनेजर महेंद्र सिंह त्यागी, प्रोडक्शन मैनेजर ऋषि देव सिंह, एचआर मैनेजर मनोज शर्मा, और ठेकेदार श्रीकांत कुशवाहा के खिलाफ लापरवाही से मृत्यु की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
लेकिन सवाल यह है कि FIR दर्ज होने के बावजूद अब तक किसी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
क्या प्रभावशाली लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई सिर्फ “कागज़ी खानापूर्ति” तक सिमट कर रह गई है?
स्थानीय मजदूरों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग की है। मृतक के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है और वे अब न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
इस हादसे के बाद जिला प्रशासन की चुप्पी और निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या फैक्ट्री प्रबंधन को किसी राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण का लाभ मिल रहा है?
जब एक मजदूर की मौत हो चुकी है और पूर्व में लापरवाही की शिकायतें भी दर्ज हैं, तो क्या यह मामला सिर्फ दुर्घटना है या आपराधिक लापरवाही?