
गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़, 6 मई 2025 — बहादुरगढ़ क्षेत्र में कार्यरत एक श्रमिक को सोमवार को जब स्वास्थ्य बिगड़ने पर प्राथमिक इलाज की ज़रूरत पड़ी, तो वह स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पहुंचा। लेकिन समय से पहले अस्पताल का गेट बंद होने के कारण इलाज न मिलने पर वह मजबूरी में अस्पताल की सीढ़ियों पर लेट गया। यह दृश्य किसी ने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जनाक्रोश पनपने लगा।
जानकारी के अनुसार, सरकारी अस्पतालों का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक निर्धारित है, और पर्ची कटवाने का अंतिम समय दोपहर 1 बजे है। लेकिन सोमवार को बहादुरगढ़ स्थित सीएचसी को 2 बजे से पहले ही बंद कर दिया गया। इस बीच एक श्रमिक गर्मी में काम करने के बाद तबीयत बिगड़ने पर इलाज के लिए सीएचसी पहुंचा, मगर उसे “समय समाप्त” बताकर लौटा दिया गया।
बार-बार विनती के बावजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने इलाज करने से इनकार कर दिया, जिससे वह निराश होकर सीढ़ियों पर ही लेट गया। करीब आधे घंटे तक वहां पीड़ा में पड़ा रहा, फिर कुछ राहत मिलने पर चला गया।
यह घटना सरकारी दावों पर सवाल उठाती है, जहां ‘हर मरीज को समय पर और संवेदनशील उपचार’ का वादा तो किया जाता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर संवेदनहीनता और नियमों की अनदेखी ही सामने आती है।