अमेरिका ने 14 दिन पहले हटाया था 3 भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों पर बैन, अब मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला
America had lifted the ban on 3 Indian nuclear installations 14 days ago, now Modi government has taken a big decision
भारत ने हाल ही में अपने परमाणु दायित्व कानून में संशोधन करने का फैसला लिया है, जो देश के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह कदम खासकर उस समय उठाया गया है जब अमेरिका ने भारतीय परमाणु प्रतिष्ठानों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लिया है। यह बदलाव भारत-अमेरिका के परमाणु सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम पहल हो सकता है।
मुख्य बिंदु:
परमाणु दायित्व कानून में संशोधन:
भारत ने अपने असैन्य परमाणु क्षेत्र के लिए दायित्व कानून में संशोधन किया है, जिससे यह क्षेत्र और अधिक लचीला और सहयोगात्मक बनेगा।
इससे भारतीय परमाणु संस्थानों और अमेरिकी कंपनियों के बीच बेहतर सहयोग संभव होगा, खासकर स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) के क्षेत्र में।
परमाणु ऊर्जा मिशन:
20,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ भारत एक परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित करेगा, जो SMRs के अनुसंधान और विकास पर केंद्रित होगा।
भारत का लक्ष्य है कि 2033 तक स्वदेशी रूप से 5 SMRs चालू किए जाएं, और 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का उत्पादन हो।
भारत-अमेरिका सहयोग:
पिछले महीने अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR), और इंडियन रेयर अर्थ्स (IRE) पर से प्रतिबंध हटा दिए थे।
यह कदम भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो 2005 में शुरू हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय को ‘ऐतिहासिक’ बताया और कहा कि इससे असैन्य परमाणु ऊर्जा देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
भारत की परमाणु ऊर्जा नीति का यह संशोधन और अमेरिका से बढ़ती साझेदारी, भारत को एक स्वच्छ और अधिक स्थिर ऊर्जा भविष्य की ओर अग्रसर करने में मदद करेगा।
इससे भारत को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में अपनी स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ाने और वैश्विक मंच पर अपनी ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।